आज महाशिवरात्रि है, शिव के महाभक्त उनके ध्यान में मग्न हैं। चारों तरफ भक्ति का संगीत सुनाई दे रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर से मध्य प्रदेश के महाकाल मंदिर तक और हरिद्वार में शिव भक्तों की भीड़ है। आज के दिन भक्त भगवान को खुश करने में लगे हैं। कोई दूध से प्रभू को खुश कर रहा है तो कोई बेलपत्र और चमेली चढ़ा कर महादेव की भक्ति कर रहा है। हर तरफ बम भोले-भोले का नारा गूंज रहा है। मंदिरों के बाहर भक्तों की भारी भीड़ है। रात दो बजे से ही मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा दिखने लगा। दिन के साथ भक्तों की संख्या भी बढ़ती जा रहा है। महिलाएं व्रत रख नंगे पाव शिव जी को जल अर्पित करने मंदिर पुहंच रही हैं। मान्यता है कि, यदि कोई महिला शिव जी को सच्चे मन से याद करे प्रतिदिन उनकी पूजा करे तो उसे अच्छे वर की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि के साथ देव भूमि हरिद्वार में आज से शाही स्नान प्रारंभ हो गया है। यहां पर सुबह पांच बजे से ही भक्तों की भीड़ लगी है, लोग स्नान कर रहे हैं। सुबह 7 बजे तक ही भक्तों को स्नान करने दिया गया। इसके बाद नागा साधुओं का आगमन होगा। 11 बजे से सभी अखाड़ों के संत गंगा में डूबकी लगा रहे हैं। इसमें जूना अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा शामिल है। शाही स्नान को देखते हुए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है।

निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा करीब 1 बजे हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर स्नान करेंगे। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़ा और अटल अखाड़ा करीब 4 बजे हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर स्नान करेंगे। नागा-साधुओं के शाही स्नान के लिए आगमन को देखते हुए सुबह 7 बजे तक ही आम श्रद्धालुओं को स्नान करने दिया जाएगा। 7 बजे के बाद हर की पौड़ी क्षेत्र को खाली करवा लिया जाएगा, इसके बाद घाटों की सफाई की जाएगी। इसके बाद यात्री और श्रद्धालुओं के आगमन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

भोले बाबा की नगरी काशी के काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर सुबह से भक्तों का जमघट लगा हुआ है। लोग लाइन में खड़े होकर भोले शंकर की पूजा करने के लिए जा रहे हैं। विश्वनाथ मंदिर के मुख्य द्वार से काफी बाहर तक लाइन लगी हुई है। वहीं आने-जाने वालों को रास्ता देने के लिए बैरिकेटिंग की गई है।

ओडिशा के भुवनेश्वर में महाशिवरात्रि पर लिंगराज मंदिर की सजावट देखते बन रही है। यहां सुबह चार बजे से भक्तों की तांता लगा हुआ है। शिवरात्रि पर निशीथ काल में पूजन सबसे शुभ माना जाता है। उज्जैन के महाकाल मंदिर में पुजारियों ने भगवान शिव का अभिषेक किया। इस मौके पर महादेव का पंचोपचार पूजन किया गया।

वहीं वाराणसी में महाशिवरात्रि के दिन भक्त बाबा के शिवलिंग का स्पर्श दर्शन नहीं कर सकेंगे। हालांकि, श्रद्धालु गर्भगृह के बाहर लगे अरघे के जरिए बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक जरूर कर सकेंगे। साथ ही मुंबई में मंदिरों को बंद कर दिया गया है। भक्त मंदिर के बाहर ही भोले का नारा लगा रहे हैं।

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