Mahakal Lok: अपने तीन दिवसीय गुजरात दौरे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को मध्य प्रदेश पहुंचे। यहां महाकाल की नगरी उज्जैन में उन्होंने देर शाम ‘महाकाल लोक’ (Mahakal Lok) का लोकार्पण किया। मौके पर राज्य के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। बता दें कि श्री महाकाल लोक परियोजना का पहला चरण तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। लोकार्पण के बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया।
Mahakal Lok: महाकाल मंदिर में पीएम ने की पूजा-अर्चना
मालूम हो कि बाबा महाकालेश्वर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं, जो कि उज्जैन के महाकाल मंदिर में विराजमान हैं। इनके दर्शन के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। वहीं, मंगलवार को पीएम मोदी ने लोकार्पण करने से पहले महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना और आरती की। वहीं, लोकार्पण के लिए महाकाल के परिसर को भव्य तरीके से सजाया गया था। जब पीएम ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया, तो पूरा उज्जैन ही शिवमय हो गया। मौके पर विद्वानों द्वारा मंत्रोच्चार भी किया जा रहा था।
भारत की आत्मा का केंद्र रहा है उज्जैन-पीएम
लोकार्पण के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जब भारत का भौगोलिक स्वरूप आज से अलग रहा होगा, तब से ये माना जाता है कि उज्जैन भारत के केंद्र में हैं। उन्होंने आगे कहा कि ज्योतिषीय गणनाओं में उज्जैन न केवल भारत का केंद्र रहा है बल्कि ये भारत की आत्मा का भी केंद्र रहा है। पीएम ने कहा “उज्जैन वो नगर है, जो हमारी पवित्र सात पुरियों में से एक गिना जाता है, ये वो नगर है जहां स्वयं भगवान कृष्ण ने भी आकर शिक्षा ग्रहण की थी। उज्जैन ने महाराजा विक्रमादित्य का वो प्रताप देखा है जिसने भारत के नए स्वर्णकाल की शुरुआत की थी।”
गुलामी की मानसिकता से मुक्ति की ओर बढ़ रहा देश-मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि किसी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव इतना विशाल तभी होता है जब उसकी सफलता का परचम विश्व पटल पर लहरा रहा होता है। सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए, अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर खड़ा हो। भारत का ये सांस्कृतिक दर्शन एक बार फिर शिखर पर पहुंचकर विश्व के मार्गदर्शन के लिए तैयार हो रहा है।
पीएम ने आगे कहा कि आजादी के अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व जैसे पंच प्राण का आहृवान किया है। इसलिए आज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम भारत की संस्कृति का गौरव बढ़ा रहा है। सोमनाथ में विकास के कार्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उत्तराखंड में बाबा केदार के आशीर्वाद से केदारनाथ, बद्रीनाथ तीर्थ क्षेत्र में विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं।
महाकाल कॉरिडोर के पहले चरण में लगे हैं 316 करोड़ रुपये
मालूम हो कि महाकाल लोक दो हिस्सों में बना है। महाकाल के कॉरिडोर को पहले चरण में 316 करोड़ रुपये में विकसित किया गया है। 900 मीटर से अधिक लंबा कॉरिडोर पुरानी रुद्र सागर झील के चारों ओर फैला हुआ है। महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के क्षेत्र को पुनर्विकास करने की परियोजना के तहत रुद्र सागर झील को पुनर्जीवित किया गया है।
दो हिस्सों में बने महाकाल लोक में एक तरफ पैदल पथ और दूसरी तरफ ई-कार्ट पथ हैं। बच्चे, वृद्ध, दिव्यांग और महिलाओं के लिए ई-कार्ट की व्यवस्था नि:शुल्क की गई है। दोनों पथ के बीच 108 शिवस्तंभ शिव की विभिन्न मुद्राओं सहित निर्मित हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। यह स्तंभ साधारण नहीं है, हर स्तंभ पर शिव की नृत्य मुद्रा अंकित है। इन्हीं पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
परियोजना के दूसरे चरण का काम जारी
महाकाल लोक के विकास में पार्क, कारों और बसों के लिए एक बहुमंजिला पार्किंग, फूलवाला और अन्य दुकानें, सौर प्रकाश व्यवस्था, तीर्थयात्रियों के लिए एक सुविधा केंद्र, पानी की पाइपलाइन, सीवर लाइन समेत अन्य कार्य करवाए जाएंगे। इस समय परियोजना के दूसरे चरण का काम चल रहा है। जिसके तहत एक लाइट एंड साउंड सिस्टम भी लगाया जाएगा।
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