आईडीबीआई बैंक में बड़ा हिस्सा सरकार बेचना चाहती है। खबर है कि आईडीबीआई बैंक का 51 फीसदी हिस्सा एलआईसी खरीद सकता है। सरकार की अभी बैंक में 81 फीसदी हिस्सेदारी है। बताया जा रहा है कि सरकार की IDBI बैंक में LIC को 40-43 फीसदी हिस्सा बेचने की योजना है।  सरकार को इससे 10 हजार से 11 हजार करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। सरकार बैंक में अपना हिस्सा घटाकर 50 फीसदी से कम करना चाहती है। एलआईसी के पास फिलहाल बैंक का करीब 11 फीसदी शेयर हैं।

नियमों के मुताबिक कोई इश्योरेंस कंपनी किसी भी दूसरी कंपनी में 15 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं खरीद सकती है। इस नियम के मद्देनजर एलआईसी ने इस डील के लिए कुछ छूट की मांग की है। LIC का बोर्ड सरकार की मंजूरी मिलने के बाद बैंक में बड़ी हिस्सेदारी लेने पर विचार कर सकता है।सरकार ने 2016 के केंद्रीय बजट में IDBI बैंक का हिस्सा बेचने का एलान किया था।

बैंक के सीईओ एमके जैन को हाल ही में रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर बनाया गया है।  अब एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर बी श्रीराम को 21 जून से बैंक का नया सीईओ बनाया गया है। बैंक के बोर्ड की अगले 5 साल के लिए पूंजी जुटाने की योजना पर जल्द ही बैठक है।

बता दें कि आईडीबीआई बैंक उन बैंकों में गिना जाता है जिसका एनपीए बहुत ज्यादा है।  21 मार्च 2018 को बैंक का एनपीए 28 फीसदी था। एनपीए के चलते ही बैंक की दिक्कतें बढ़ी हैं। इस कारोबारी साल आईडीबीआई बैंक को 18 हजार करोड़ रुपये पूंजी की जरूरत है। ऐसी स्थिति में सरकार के पास इसमें नए निवेशक को लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। फिच की भारत यूनिट इंडिया रेटिंग्स ने IDBI की रेटिंग घटा कर उसकी एसेट क्वालिटी के और खराब होने की चेतावनी दी है।

—ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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