एक मई से पूरे देश में वीआईपी कल्चर पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। वीआइपी कल्चर को खत्म करने के लिए गाड़ियों पर लगी लाल बत्ती को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस नियम से बिहार के कई विधायक लाल-पीले  होने लगे। इस पर राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कौन से कैबिनेट का फैसला है? उन्होंने कहा कि अगर हमारे राज्य की सरकार आदेश करेगी तभी हम उस नियम का पालन करेंगे।

पूरे देश में लागू हो चुके लाल बत्ती पर प्रतिबंध को लेकर बिहार सरकार ने परिवहन विभाग से लाल-पीली बत्तियों का अधिकार मांगा है। राज्य सरकार का आवेदन जल्द ही परिवहन विभाग केंद्र को भेजेगा। वहीं, राज्य सरकार का कहना है कि देश में इस तरह की व्यवस्था लागू करने से पहले राज्यों से भी इस पर सहमति लेनी चाहिए थी, लेकिन केंद्र सरकार ने यह आदेश राज्यों की सहमति के बिना ही जारी कर दिया।

दरअसल, 19 अप्रैल को केन्द्र सरकार ने व्हीकल एक्ट में संशोधन  किया था। जिसके तहत देश में लाल, पीली और नीली बत्तियों के इस्तेमाल पर 1 मई 2017 से रोक लगाने को मंजूरी दी गई थी। इस नियम के अंदर सभी ब्यूरोक्रेट, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के जज समेत सभी वीवीआईपी शामिल हैं।

इस नियम में सिर्फ इमरजेंसी सर्विस को छूट दी गई है अगर किसी भी गाड़ी पर लाल, पीली या नीली बत्ती लगी हुई मिलती है तो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ट्रैफिक इंस्पेक्टर बत्ती उतारने के साथ साथ 3000 रुपए का जुर्माना भी करेगा। हालांकि इसके बावजूद कई जगहों से ऐसी ख़बरें आ रही हैं जहाँ अधिकारी और नेताओं के मन से बत्ती का मोह नहीं मिट रहा है।

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