हमारा देश सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीक, अर्थव्यवस्था और ज्ञान के मामले में ही आगे नहीं बढ़ रहा बल्कि वो अपनी जमीन पर कुछ ऐसे करिश्मों का भी निर्माण कर रहा है जो पूरी दुनिया में प्रसिद्धि पा सके। दुनिया के सात अजूबों में जहां ताजमहल का नाम है तो वहीं अब एक और अजूबा देश ने तैयार किया है। जी हां, विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण आज प्रधानमंत्री मोदी ने किया। सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित केवड़िया में बनी है। 153 मीटर ऊंची इस दर्शक दीर्घा में एक समय में अधिकतम 200 आगंतुक उपस्थित हो सकते हैं। यहां से दर्शक सरदार सरोवर बांध, इसके जलाशय और सतपुड़ा एवं विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं का मनोरम दृश्य देख सकेंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए 31 अक्टूबर, 2013 को इस प्रतिमा की आधारशिला रखी थी। इस प्रतिमा का मकसद सरदार पटेल के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना है, जिन्होंने अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद भारत को एकता के सूत्र में बांधने में निर्णायक भूमिका निभाई थी।
पीएम मोदी के इस प्रोजेक्ट पर वर्ल्ड क्लास कंस्ट्रक्शन कंपनियां- जैसे- माइकल ग्रेव्स आर्किटेक्चर एंड डिजाइन्स, टर्नर कंस्ट्रक्शन और लार्सन एंड टूब्रो काम कर रही थीं। ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित साधू बेट पर किया गया है। नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध से इसकी दूरी महज 3.5 किलोमीटर है। इस मूर्ति की लागत 2,989 करोड़ रुपए है। जो दुनिया की दूसरी मूर्तियों से कहीं ज्यादा है। इस खर्च में 2332 करोड़ रुपये प्रतिमा के निर्माण में और 600 करोड़ रुपये 15 साल तक रखरखाव के लिए हैं।
इस मूर्ति के निर्माण में ख्यात मूर्तिकार राम वंजी सुतार ने प्रमुख भूमिका निभाई। राम वंजी सुतार के बेटे अनिल सुतार ने भी मूर्ति की डिजाइन तैयार करने में योगदान किया है। बता दें कि सरदार पटेल की 143 वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को देश भर में ‘रन फॉर यूनिटी’ मैराथन दौड़ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। ‘रन फॉर यूनिटी’ में दिल्ली के साथ एनसीआर के गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद, सोनीपत, गुरुग्राम, बल्लभगढ़, रेवाड़ी आदि शहरों के लोग भी दौड़े। दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मैराथन को हरी झंडी दिखाई।