मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है लेकिन देश में इसी चौथे स्तंभ के लोगों को देश के हर कोने में मार दिया जाता है। गौरी लंकेश को उसके ही घर में गोलियों से छलनी कर उनकी आवाज को खामोश कर दिया गया। उनको सच्चाई का साथ देने की कीमत अपनी जान गवांकर चुकानी पड़ी। देशभर में हर वर्ग की आवाज उठाने वाले पत्रकार आज खुद भी सुरक्षित नहीं है। दो पत्रकारों की हत्या के बाद बिहार सरकार पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
बिहार के आरा से दो पत्रकारों की हत्या का मामला सामने आया है। बिहार के आरा-सासाराम मुख्य पथ पर एक अनियंत्रित स्कार्पियों ने बाइक सवार दो पत्रकारों को टक्कर मार दी, जिसमें मौके पर दोनों ने दम तोड़ दिया। बता दें कि नवीन निश्चल एक हिंदी दैनिक के लिए काम करते थे। वे बाइक पर गांव के ही एक पत्रिका के लिए काम करने वाले पत्रकार विजय सिंह के साथ घर लौट रहे थे। इसी दौरान उन्हें तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने टक्कर मार दी। जिसमें मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। घटना गड़हनी थाना क्षेत्र के नहसी पुल के समीप देर रात हुई।
इस घटना को हत्या बताते हुए स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतर कर जमकर हंगामा किया। लोगों ने आरोपित पूर्व मुखिया के पति व उनके बेटे को गिरफ्तार करने की मांग की। आक्रोशित भीड़ ने आरा-सासाराम मुख्य पथ जाम कर आगजनी की।
वहीं घटना को बढ़ता देख पुलिस मुख्यालय गंभीर हो गया है। घटना की जांच को लेकर डीएसपी के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर दिया गया है। पटना के जोनल आइजी नैयर हसनैन खान मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। इस बीच मुख्य आरोपी हरसू मिंया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि स्कॉर्पियो एक पूर्व मुखिया संजीदा परवीन के पति हरसू मियां की है, जिनकी मृतक पत्रकार नवीन निश्चल से खबरों को लेकर पूर्व की अदावत थी। बताया जा रहा है कि हरसू की रविवार की शाम में नवीन निश्चल से बेहस हुई थी, जिसमें उसने हत्या की धमकी दी थी। घटना के वक्त हरसू का बेटा भी स्कॉर्पियों में था।
फिलहाल पुलिस ने मुख्य आरोपित हरसू मियां को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी पूरे मामले की जांच को जरूरी बताया है।