दीवाली से पहले उत्तराखंड को PM मोदी का तोहफा; केदारनाथ रोप-वे से रोमांचक होगा सफर, जानें खासियत

पीएम तीर्थयात्रियों को केदारनाथ रोपवे की सौगात देगे। रोप-वे सोनप्रयाग-केदारनाथ के निर्माण से श्रद्धालुओं के बाबा केदारनाथ के दरबार तक पहुंचने का सफर सुलभ व सरल बनेगा।

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Kedarnath Ropeway: दीवाली से पहले उत्तराखंड को PM मोदी का तोहफा; केदारनाथ रोप-वे से रोमांचक होगा सफर, जानें खासियत
Kedarnath Ropeway: दीवाली से पहले उत्तराखंड को PM मोदी का तोहफा; केदारनाथ रोप-वे से रोमांचक होगा सफर, जानें खासियत

Kedarnath Ropeway: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड के दौरे पर हैं। जहां पीएम ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए। पीएम का दीवाली से पहले ये दौरा कई मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है। इस दौरे में पीएम मोदी कई परियोजनाओं की सौगात जनता को देंगे। सबसे पहले पीएम ने केदारनाथ रोप-वे परियोजना का शिलान्यास किया। इसके साथ ही पीएम हेमकुंड साहिब रोप-वे परियोजना का भी शिलान्यास करेंगे।

पीएम तीर्थयात्रियों को केदारनाथ रोपवे की सौगात देगे। रोप-वे सोनप्रयाग-केदारनाथ के निर्माण से श्रद्धालुओं के बाबा केदारनाथ के दरबार तक पहुंचने का सफर सुलभ व सरल बनेगा।

Kedarnath Ropeway: दीवाली से पहले उत्तराखंड को PM मोदी का तोहफा; केदारनाथ रोप-वे से रोमांचक होगा सफर, जानें खासियत
Kedarnath Ropeway:

Kedarnath Ropeway: क्यों खास है केदारनाथ रोप-वे परियोजना?

  • केदारनाथ रोप-वे प्रदेश की एक बहुप्रतीक्षित और बहुद्देशीय परियोजना है।
  • रोप-वे की समुद्र तल से ऊंचाई 11,500 फीट है, जो कि दुनिया का सबसे लंबे रोप-वे में से एक होगा।
  • यह रोप-वे सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि इस रोपवे को बनाने में 1,200 करोड़ रुपये लगेंगे।
  • इस रोप-वे निर्माण की जिम्मेदारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीन नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ने एक कंपनी को सौंपी है।
Kedarnath Ropeway: दीवाली से पहले उत्तराखंड को PM मोदी का तोहफा; केदारनाथ रोप-वे से रोमांचक होगा सफर, जानें खासियत
Kedarnath Ropeway:
  • इस रोप-वे में 22 टावर लगाए जाएंगे।
  • इसमें गौरीकुंड, चीरबासा, लिनचोली और केदारनाथ में चार स्टेशन भी बनाए जाएंगे।
  • इस रोप-वे से सफर करने से केदारनाथ धाम पहुंचना पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा।
  • परियोजना को वर्ष 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।

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