उत्तर प्रदेश के जनपद कौशाम्बी के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने अपनी पत्नी को प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती करा कर एक उदाहरण पेश किया है। डीएम ने अपनी पत्नी को जिले के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनकी पत्नी ने कन्या को जन्म दिया। डीएम का मानना है कि सरकारी अस्पतालों में भी बेहतर सुविधाएं हैं। इसके बाद भी कुछ लोग निजी अस्पतालों का सहारा लेते हैं।

डीएम मनीष कुमार वर्मा की पत्नी अंकिता राज घरेलू महिला हैं। इसके बाद भी वह ब्लड एकत्रित करने के लिए शिविर लगाने व कुपोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य करती हैं। शनिवार सुबह डीएम की पत्‍‌नी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। डीएम के कहने पर उनकी पत्नी अंकिता राज सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के लिए तैयार हो गई।

शनिवार सुबह उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात करीब दस बजे अंकिता राज ने एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के जन्म लेने से डीएम काफी खुश हैं। सकुशल प्रसव कराने पर डीएम ने अस्पताल के चिकित्सक व नर्स को धन्यवाद दिया। जिलाधिकारी का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में भी बेहतर सुविधाएं हैं। लोग इसका लाभ उठाएं।

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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत डीएम की पत्‍‌नी को पांच हजार रुपये मिला है। यह धनराशि तीन किश्तों में दी जाती है। इसके लिए गर्भवती महिला को आशा से मिलकर पंजीयन कराना होता है। पंजीयन के बाद एक हजार व आठवें माह में दो हजार की धनराशि महिला के खाते में दी जाती है। दो हजार रुपये की तीसरी किश्त बच्चा होने के 48 घंटे के बाद देने का प्रावधान है।

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