अयोध्या के बाद अब काशी की धर्म संसद में सोमवार को राम मंदिर मुद्दा छाया रहा। साधु-संतों ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्योमंत्री योगी आदित्यीनाथ पर जमकर हमला बोला। अयोध्या में यूपी सरकार द्वारा भगवान श्रीराम का मूर्ति लगाने का जबरदस्त विरोध हुआ बल्कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या में प्रस्तावित भगवान राम की दुनिया सबसे ऊंची प्रतिमा के विषय पर निंदा प्रस्ताव पारित हुआ। धर्म संसद के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही राम मंदिर के साथ धर्मांतरण, वैदिक शिक्षा और गंगा सरंक्षण के मुद्दे उठे।

अयोध्या से आए इससे दुखद और क्यात हो सकता है? सनातनियों को शंकाराचार्यो की अगुआई में भव्यो राम मंदिर निर्माण के लिए अब आगे आना होगा।’ धर्माचार्य अजय गौतम ने कहा, ‘रामलला टेंट में हैं और उनके छद्म भक्तए लाखों का सूट-बूट पहन कर घूम रहे हैं। बीजेपी अयोध्या  में आदर्श राम का मंदिर बनानी चाहती है जबकि संत समाज और सनातनी हिंदू घट-घट व्याआपी राम मंदिर बनवाने के प्रतिबद्ध हैं।’ राम मंदिर पर दिनभर चली बहस के बाद जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने यूपी सरकार द्वारा अयोध्‍या में भगवान राम की मूर्ति स्‍थापित करने को रामभक्‍तों के साथ बेईमानी बताया। इसको लेकर निंदा प्रस्‍ताव रखा जिसका सभी ने समर्थन किया। प्रवर धर्माधीश स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद ने कहा कि धर्म संसद के आयोजन का उद्देश्‍य किसी अन्‍य धर्म का अपमान करना नहीं है।

उत्तराखंड के हेमंत ध्‍यानी ने कहा कि धर्म से खिलवाड़ प्रकृति भी सहन नहीं कर पाती है। वरिष्‍ठ साहित्‍यकार अजीत वर्मा ने कहा कि रामजन्‍म भूमि शास्‍त्रों से जुड़ा विषय है लेकिन राजनीतिक स्‍वार्थवश इस मसले में खिलवाड़ हो रहा है। स्‍वामी लक्ष्‍मण दास, स्‍वामी लोचन दास, प्रज्ञानंद जी, अच्‍युतानंद महाराज आदि ने श्रीराम के तंबू में रहने को सौ करोड़ सनातनियों का अपमान बताया। उन्होंने कहा, ‘मंदिर का निर्माण जल्‍द होना चाहिए लेकिन किसी को दु:ख पहुंचाकर नहीं। घृणा फैलाकर रामराज्‍य स्‍थापित नहीं किया जा सकता है। यह साफ हो चुका है कि अयोध्‍या में कोई मस्जिद नहीं थी, इसलिए वहां राम मंदिर हर हाल में बनकर रहेगा।’  शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य और प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अगले परम धर्म संसद की घोषणा करते हुए बताया कि आगामी अर्धकुम्भ के अवसर पर प्रयागराज में 29 से 31 जनवरी, 2019 तक धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा।

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