झारखंड सरकार ने शिक्षा की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है। झारखंड सरकार द्वारा शुरु की गई बुक बैंक योजना सफल साबित हुई है। सरकार ने बुक बैंक से लगभग 12 लाख बच्चों को किताबें बांटी है, जो निश्चित रुप से एक उपलब्धि है। राज्य में शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए बच्चों को किताब देने की प्रक्रिया पूरी हो गयी है। कक्षा एक से आठ तक के 45 लाख बच्चों को किताब देना था, जबकि 34 लाख सेट किताब की छपाई हुई। राज्य सरकार ने इस वर्ष नयी पहल की। इससे सरकार को 26 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

दरअसल, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने सत्र शुरू होने के पूर्व ही सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को परीक्षा समाप्त होने के साथ पुरानी किताब जमा लेकर स्कूलों में बुक बैंक बनाने का निर्देश दिया था। विभागीय सचिव के निर्देश के अनुरूप  बच्चों से किताब वापस ली गयी। बच्चों से वापस ली गयी किताबें लगभग 12 लाख बच्चों को फिर से बांट दी गयीं। बच्चों को वही किताब दी गयी, जिसकी स्थिति बेहतर थी।

हालांकि अगले शैक्षणिक सत्र से बच्चों को दी जाने वाली किताब कवर कर देने की तैयारी की जा रही है। जिससे की बच्चों को किताब कम से कम फटे। बच्चों को दी गयी किताब बेहतर स्थिति में रहे। बुक बैंक के माध्यम से किताब देने की योजना सफल होने पर सरकार दो सत्र में एक बार ही किताब छापने का निर्णय ले सकती है। जिन बच्चों की पुस्तक बेहतर स्थिति में रहेगी, उन्हें अगली कक्षा में प्राथमिकता के आधार पर नयी किताब दी जायेगी।

स्कूलों में बुक बैंक बनाकर बच्चों को किताब देने से सरकार को लगभग 26 करोड़ की बचत हुई। शैक्षणिक सत्र 2018-19 में 34 लाख बच्चों की किताब के लिए 74 करोड़ में टेंडर हुआ। एक बच्चे को किताब उपलब्ध कराने पर सरकार के 218 रुपये खर्च हुए। बुक बैंक बना पुरानी किताब नहीं बांटने से 26 करोड़ और खर्च होते। 74 करोड़ के टेंडर में  इसमें 12।5% जीएसटी भी शामिल है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा कक्षा एक से पांच के लिए 250 रुपये व छह से आठ के लिए 450 रुपये प्रति बच्चा रेट तय किया गया है। पिछले दिनों  शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद की मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में  स्कूलों में बुक बैंक को और बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। शैक्षणिक सत्र 2019-20 से  स्कूलों में बुक बैंक बनाकर 25 लाख बच्चों को किताब देने का लक्ष्य  रखा गया है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग इस संबंध में जल्द ही सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी करेगा।

झारखंड में सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक तक बच्चों को सरकार नि:शुल्क किताब देती है। किताब के लिए केंद्र सरकार 60 फीसदी व राज्य सरकार 40 फीसदी राशि देती है। बुक बैंक के माध्यम से किताब वितरण में होने वाले खर्च में कमी के साथ-साथ बच्चों को समय पर किताब भी मिल सकेगा। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में टेंडर में विलंब होने के कारण किताब वितरण जून में शुरू हुआ।पर बच्चों को जमा ली गयी पुरानी किताब दे दी गयी थी, जिस कारण पठन-पाठन बाधित नहीं हुआ।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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