~देव कुमार गुप्ता

जम्मू-कश्मीर में आंतकवादी भले ही गठबंधन की सरकार तोड़ने में कामयाब हो गए हों लेकिन भारतीय जवानों के हौसलों को तोड़ने में वो कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे। जम्मू-कश्मीर में भारतीय जवान लगातार आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं और अपनी वीरता की मिसाल पूरी दुनिया में पेश कर रहे हैं। जी हां, जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सेना और सुरक्षा बलों की ओर से चलाए जा रहे अभियान ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ के लिए आज बेहद खास दिन है क्योंकि इसने अपने अभियान का एक और शतक पूरा कर लिया है। मंगलवार को शोपियां में दो आतंकवादियों के मारे जाने से आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया है। बता दें कि ऑपरेशन ऑलआउट के तहत मारे गए 101 आतंकियों में से 26-27 विदेशी और बाकी के आतंकी कश्मीर घाटी के ही हैं।

387a3aa6 6979 43d1 bec4 28d2fef4c871शोपियां में हुए मुठभेड़ में जहां एक तरफ दो आतंकवादी ढेर हो गए वहीं भारतीय सेना के भी दो जवान घायल हो गए। इसमें पेरा 10 स्पेशल फोर्स के राजपाल दयाल ने घायलावस्था में ही आतंकवादियों से लोहा लिया और उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। दरअसल, वो आम नागरिकों को बचाते समय आतंकवादी के गोली का शिकार हो गए थे। गोली उनके पेट के दाईं तरफ लग गई थी। इसके बावजूद उऩ्होंने अपना हथियार उठाकर आतंकवादियों का सफाया कर डाला। इस समय वो खतरे से बाहर हैं। जवान राजपाल दयाल के बारे में बताया जाता है कि वो हमेशा ही अपने टीम में दुश्मनों से लोहा लेने के लिए सबसे आगे खड़े रहते हैं।

बता दें कि मंगलवार को मुठभेड़ में मारे गए 2 दो दहशतगर्द महज दो महीने पहले ही आतंकी बने थे। घाटी में इस साल 82 नए युवाओं ने आतंक की राह पकड़ी है। जिसमें ये दोनों भी थे। आंतकी के तौर पर ये महज दो महीने ही जिंदा रह पाए।  खबरों के मुताबिक, इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर के 82 युवा आतंकी संगठन में शामिल हुए हैं। इनमें से करीब 40 युवा हिजबुल मुजाहिदीन में करीब 16 युवा लश्कर-ए-तैयबा में और बाकी जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुए हैं।

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