भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर बनी बीबीसी की दो एपिसोड की एक डॉक्यूमेंट्री – इंडिया: द मोदी क्वेश्चन (India: The Modi Question) का पहला एपिसोड जो 17 जनवरी को ब्रिटेन में प्रसारित हो चुका है के आते ही बवाल होना शुरू हो गया।
वहीं, 24 जनवरी यानी आज India: The Modi Question सीरीज का दूसरा एपिसोड प्रसारित होगा। BBC द्वारा बनाई गई इस डॉक्यूमेंट्री के प्रथम एपिसोड में नरेंद्र मोदी के शुरुआती राजनीतिक करियर को दिखाया गया है जिसमें वे कैसे भारतीय जनता पार्टी में आगे बढ़ते हुए, गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचते हैं।
क्या है भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने IT नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए निर्देश जारी करते हुए आदेश दिया कि, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड के YouTube और Twitter पर शेयर किए गए सभी वीडियो को ब्लॉक किया जाए। जारी किए गए आदेश का YouTube और Twitter दोनों ने पालन करते हुए इन सभी वीडियो को अपने प्लेटफार्म से हटा दिया है।
क्या है India: The Modi Question डॉक्यूमेंट्री में ऐसा जिसको लेकर हो रहा है विवाद?
बीबीसी द्वारा प्रसारित की गई इस डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ जुड़ाव, भाजपा में उनके बढ़ते कद और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में हुई उनकी ताजपोशी को लेकर भी चर्चा की गई है। लेकिन इस डॉक्यूमेंट्री में जिस बात को लेकर विवाद हो रहा है वो है मोदी के मुख्यमंत्री रहते 2002 में गुजरात में हुए दंगों को लेकर किया गया जिक्र। सीरीज के इस हिस्से में गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित भूमिका को लेकर बात कही गई है। इसी को लेकर ये सारा विवाद हो रहा है।
कहां से शुरू हुआ था विवाद?
17 जनवरी को बीबीसी टू (BBC-2) पर रिलीज की गई इस सीरीज के आते ही विवाद शुरू हो गया था। गुरुवार को यह मामला ब्रिटेन की संसद में पहुंच गया जब पाकिस्तान मूल के सांसद इमरान हुसैन ने बीबीसी की सीरीज का मुद्दा उठाया। वहीं, इस सीरीज को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) की ओर से भी प्रतिक्रिया दी गई।
क्या बोला भारतीय विदेश मंत्रालय?
बीबीसी की इस सीरीज पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि- “हमें लगता है कि यह एक प्रोपोगेंडा पीस है और इसका वस्तुनिष्ठता से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने इसे पक्षपातपूर्ण बताते हुए कहा था कि इसे भारत में नहीं दिखाया जा रहा है।’ बागची ने आगे कहा कि हमें लगता है कि यह एक प्रचार सामग्री है, जिसे एक विशेष कहानी को आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया है। इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता (Colonial Mindset) स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।“
वहीं डॉक्यूमेंट्री सीरीज में ब्रिटेन के पूर्व सचिव जैक स्ट्रॉ (Jack Straw) द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा लगता है कि वह (स्ट्रॉ) ब्रिटेन की कुछ आंतरिक रिपोर्ट (Internal Reports) का जिक्र कर रहे हैं। मैं उसके बारे में कैसे क्या कुछ कह सकता हूं? वैसे भी यह 20 साल पुरानी रिपोर्ट है। गुजरात में हुई हिंसा के दौरान जैक स्ट्रॉ यूके के विदेश सचिव हुआ करते थे।
किस आधार पर तैयार कि गई है ये सीरीज?
BBC द्वारा तैयार कि गई ये डॉक्यूमेंट्री एक अप्रकाशित रिपोर्ट पर आधारित है जिसे बीबीसी ने ब्रिटेन के विदेश ऑफिस से प्राप्त किया है। BBC की इस सीरीज में नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए साल 2002 में हुई हिंसा में कम से कम 2,000 लोगों की मौत पर सवाल उठाए गए हैं। ब्रिटिश विदेश विभाग की जिस रिपोर्ट के आधार पर ये सीरीज बनाई गई है में दावा किया गया है कि मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए साल 2002 में हुई गुजरात हिंसा का माहौल बनाने के लिए वे ‘प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार’ थे। लेकिन भारत की शीर्ष अदालत तक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात हिंसा में किसी भी तरह की संलिप्तता से बरी कर चुका है।
ब्रितानी संसद में भी उठा सवाल
BBC की इस सीरीज को लेकर ब्रिटेन के सांसद इमरान हुसैन ने इस मुद्दे को संसद में उठाते हुए पूछा था कि क्या प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ब्रितानी कूटनयिकों द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट से इत्तेफाक रखते हैं जिसमें मोदी को गुजरात हिंसा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है? इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य सवाल करते हुए पूछा कि क्या विदेश मंत्रालय के पास मोदी की इस मामले में संलिप्तता के बारे में और क्या जानकारी है?
इस सवाल का जवाब देते हुए ब्रितानी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि ‘सांसद द्वारा किए गए चरित्रीकरण से वे सहमत नहीं हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, “ब्रिटेन की सरकार की इस बारे में स्थिति लंबे समय से साफ है, जो अब भी नहीं बदली है।” सुनक ने आगे कहा कि बेशक हम दुनिया में जहां भी दमन होता है उसे सहन नहीं करते हैं। लेकिन मैं इस मामले में सांसद द्वारा किए जा रहे चरित्रीकरण से बिल्कुल सहमत नहीं हूं।”