जानिए क्या है भारत सरकार का Cervical कैंसर को खत्म करने का प्लान और इसको लेकर क्यों हो रही है चर्चा

एशिया में Cervical कैंसर के सबसे अधिक मामले भारत में हैं, इसके बाद चीन का स्थान है। सर्वाइकल कैंसर के दुनियाभर में आने वाले मामलों में से 58 फीसदी से अधिक मामलें और मौत एशिया में ही होती हैं। वहीं, दुनिया के कुल मामलों में से 21 फीसदी मामले और 23 फीसदी मौतें भारत में होती हैं।

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जानिए क्या है भारत सरकार का Cervical कैंसर को खत्म करने का प्लान, और इसको लेकर क्यों हो रही है चर्चा - APN News
A Cervical Cancer Screening Camp

22 दिसंबर को भारत सरकार ने घोषणा की है कि वह 9 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की रोकथाम के लिए स्कूलों के माध्यम से टीके लगाएगी। इससे पहले देशभर में टीकाकरण को लेकर सलाह देने वाले राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (National Technical Advisory Group of Immunization – NTAGI) ने सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) में ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) टीके को शामिल करने की सिफारिश की थी।

क्या है सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम – UIP?

केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (Universalisation Immunisation Programme – UIP) भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है जिसके तहत भारत में 12 बीमारियों के लिए मुफ्त टीके लगाये जाते है। UIP के माध्यम से भारत ने पोलियो और मातृत्व एवं नवजात टेटनस जैसी बीमारियों को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है।

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सर्वाईकल कैंसर और एचपीवी टीका?

सर्वाईकल कैंसर, भारत में महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है और भारत में कैंसर के चलते होने वाली सालाना मौतों में से बड़ी संख्या सर्वाईकल से होने वाली मौतों से होती है। ये कैंसर मानव पैपिलोमा वायरस (Human Papilloma virus) के संक्रमण के कारण होता है। सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है और सबसे जरूरी ठीक किया जा सकता है यदि इसका जल्द पता चल जाए और प्रभावी ढंग से ईलाज कराया जाए तो।

HPV vaccine 1
HPV vaccine

द लांसेट (The Lancet) द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि एशिया में सर्वाइकल कैंसर के सबसे अधिक मामले भारत में हैं, इसके बाद चीन का स्थान है। सर्वाइकल कैंसर के दुनियाभर में आने वाले मामलों में से 58 फीसदी से अधिक मामलें और मौत एशिया में ही होती हैं। वहीं, दुनिया के कुल मामलों में से 21 फीसदी मामले और 23 फीसदी मौतें भारत में होती हैं, इसके बाद चीन का नबंर आता है जहां 18 फीसदी मामले और 17 फीसदी मौतें होती हैं।

क्या है भारत की स्थिति?

लांसेट द्वारा जारी किए गए पेपर के अनुसार, विश्व स्तर पर, 2020 में अनुमानित 6,04,127 सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आये थे जबकि दुनिया में निवास करने वाली प्रति 1,00,000 महिलाओं में हर साल 13.3 नए मामले सामने आ रहे हैं। भारत में, प्रत्येक 1,00,000 महिलाओं पर 18 सर्वाईकल के मामले सामने आ रहें हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 1 सितंबर 2022 को एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि मौजूदा अनुमानों से संकेत मिलते हैं कि हर साल लगभग 1.25 लाख महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर पाया जाता है और इस रोग से भारत में 75 हजार से अधिक मृत्यु हो जाती है।

WHO के अनुसार देशों को 2030 तक प्रति वर्ष प्रति 1,00,000 महिलाओं पर 4 से कम नए मामलों की घटना दर तक पहुंचना चाहिए और उसके बाद उसे बनाए रखना चाहिए। WHO ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक यह है कि 90 फीसदी से बालिकाओं को 15 साल की आयु तक एचपीवी वैक्सीन के साथ टीका लगाया जाना।

कब से लगने लगेगा CERVAVAC टीका?

1 सितंबर 2022 को लांच किये गए सर्ववैक (CERVAVAC) नामक स्वदेशी एचपीवी टीके के 2023 के मध्य तक बाजार में आने की संभावना जताई जा रही है। टीके को भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) की मंजूरी मिल गई है और UIP कार्यक्रम में उपयोग के लिए सरकारी सलाहकार पैनल, NTAGI द्वारा भी हरी झंडी दिखा दी गई है।

भारत में 9-14 साल की बालिकाओं को नौ साल की उम्र में पहली बार एक कैच-अप टीका दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूलों में एचपीवी टीकाकरण केंद्रों के आयोजन के लिए उपयुक्त अधिकारियों को निर्देश जारी करने और 9-14 वर्ष के बच्चों की संख्या को लेकर आंकड़े जुटाने को कहा है। इसके साथ ही टीकाकरण की सुविधा के लिए प्रत्येक सरकारी और निजी स्कूल में एक नोडल व्यक्ति की पहचान करने के लिए कहा गया है।

जो लड़कियां स्कूल नहीं जाती उनका क्या होगा?

केंद्र सरकार ने कहा है कि जो लड़कियां स्कूल नहीं जाती हैं उन्हें सामुदायिक पहुंच या फिर मोबाइल स्वास्थ्य टीमों द्वारा टीके दिए जाएंगे। सरकार ने कहा है कि टीकाकरण के साथ-साथ, बीमारी के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए नियमित रूप से स्क्रीनिंग कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता भी होगी, जिससे की समय रहते उपचार कराया जा सके।

A Cervical Cancer Screening Camp 1
A Cervical Cancer Screening Camp

2018 में बनाये गए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, पहले से ही मौखिक (Oral), स्तन (Breast) और गर्भाशय ग्रीवा जैसे सामान्य कैंसर के लिए स्क्रीनिंग कर रहे हैं, नवंबर 2022 तक 5 करोड़ से अधिक महिलाओं की गर्भाशय ग्रीवा (Cervical) के कैंसर की जांच की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि स्क्रीनिंग की प्रक्रिया में और तेजी लाने की जरूरत है। 2021 में WHO द्वारा जारी किए गए एक पेपर में कहा गया था कि पिछले पांच वर्षों में 10 में से केवल 1 से भी कम महिला के सर्वाइकल कैंसर की जांच की गई थी।

राह में रोड़े भी,लेकिन अनुभव आ सकता है काम

द लांसेट अध्ययन के अनुसार, एशिया और अफ्रीका में सर्वाइकल कैंसर का बोझ सबसे अधिक बना हुआ है और कई देशों में सर्वाइकल कैंसर को लेकर डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित सीमा की तुलना में बीमारी की घटनाएं और मृत्यु दर बहुत अधिक है।

हालांकि भारत के पिछले ट्रेक रिकार्ड को देखते हुए UIP के माध्यम से एक बार टीका लॉन्च हो जाने के बाद इसे लक्षित आबादी (Targeted Population) की अधिकतम संख्या तक जल्द ही पहुंचने की उम्मीद है। इसके लिए कोविड-19 का टीका लगाने के लिए विकसित की गई प्रणाली का भी सहारा लिया जा सकता है।

भारत द्वारा तैयार की गई वैक्सीन Cervavac ?

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा तैयार की गई Cervavac नामक टीका, HPV के चार उपभेदों (Strains) – 16, 18, 6 और 11 से सुरक्षा प्रदान करता है। SII के CEO अदार सी पूनावाला ने कहा था कि इस टीके की कीमत 200-400 रुपए तक होने की संभावना है। वहीं, अभी बाजार में उपल्बध टीकों की कीमत 2,500-3,300 रुपये प्रति खुराक है।

क्या है सिक्किम मॉडल?

भारत में पहली बार सिक्किम सरकार ने 2016 में GAVI से सर्वाईकल के टीके खरीदे थे और मिशन मोड में एक कार्यक्रम को शुरू करते हुए 9 से 14 वर्ष की आयु के बीच की लगभग 97 फीसदी लड़कियों का टीकाकरण कर दिया। अब सिक्किम इस टीके को नियमित रूप से होने वाले टीकाकरण के हिस्से के रूप में प्रदान करता है। भारत सरकार ने भी सिक्किम के अनुभव से सीखते हुए, 9-14 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियों को पहले अभियान मोड में एचपीवी के खिलाफ टीका लगाने की घोषणा की है।

हालांकि सिक्किम जैसा ही कार्यक्रम दिल्ली सरकार ने भी लांच किया था लेकिन यह उतना सफल नहीं हो पाया क्योंकि राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में से केवल एक में ही इस टीके की उपलब्धता थी।

ये भी देखें –

https://youtu.be/e1l3SY5pCSI

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