आज के जमाने में आय से अधिक संपत्ति, लग्जरी गाड़ियां, उड़न खटोला यानी हेलीकॉप्टर, महल जैसा घर जिनके पास है, वो किसी राजा-महाराजा से कम नहीं है । लेकिन जब यही चीजें किसी नेता, विधायक, सांसद या आम आदमी के पास आ जाए तो सवाल उठना तय है कि आखिर में इतनी संपत्ति कहां से आयी है?
ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए आयकर विभाग की पैनी नजर हमेशा रहती है। ऐसे में देश के 7 सांसदों और 98 विधायकों की संपत्तियां आयकर विभाग के रडार पर हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि दो चुनावों के बीच इन जनप्रतिनिधियों की संपत्ति में ‘बेतहाशा बढ़ोतरी’ हुई है। वह इनके नाम मंगलवार को एक सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश करेगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से आरोप लगाया गया है कि 26 लोक सभा सांसद, 11 राज्या सभा सांसद और 257 विधायकों की संपत्ति में दो चुनावों के बीच बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है।’ बोर्ड ने ये भी कहा कि आयकर विभाग 26 लोक सभा सांसदों में से 7 सांसदों की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोत्तरी को लेकर आगे जांच करेगा।
बता दें लखनऊ के एक ‘एनजीओ लोक प्रहरी’ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि 26 लोकसभा सांसदों, 11 राज्यसभा सांसद और 257 विधायकों के चुनावी हलफनामे को देखने पर दो चुनावों के बीच उनकी संपत्तियों में बेतहाशा बढ़ोतरी का पता चलता है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने CBDT से जवाब मांगा था। मंगलवार को इनके नाम अदालत में उजागर किये जाएंगे, जिसे एक सीलबंद लीफाफे में सौंपी जाएगी।
अवैध तरीके से अकूत संपत्ति या कालाधन इकट्ठा करने वाले सांसदों और विधायकों के खिलाफ आयकर विभाग इन दिनों बड़ा अभियान छेड़ा हुआ है। विभाग अगले माह से सोशल साइट्स के जरिए भी कालाधन रखने वालों को पकड़ने की कोशिश करेगी।