गुड़गांव-अलवर नैशनल हाइवे से 3 किलोमीटर दूरी पर साकरस गांव बसा हुआ है जहां मात्र 60 घंटों के भीतर 7 लोगों की मौत हो चुकी हैं। ये सभी कैंसर से पीड़ित थे, यहां पहली मौत 4 फरवरी की सुबह हनीफ नामक युवक की हुई थी, उसके बाद एक-एक करके कैंसर ने 7 लोगों की जान ले ली। बता दे, इस गांव में तीन साल के अंदर कैंसर से 40 लोगों की मौत हो चुकी हैं।

इस बारे में डीसी अशोक कुमार शर्मा का कहना है कि कैंसर कोई आपदा नहीं, बल्कि एक बीमारी है। उन्होंने बताया, कि इसके फैलने के कारणों की जांच के लिए गांवों में मेडिकल टीम भेजी जाएगी, साथ ही गांव में चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए मोबाइल मेडिकल वैन भी तैनात की जाएगी। अशोक कुमार ने बताया, ग्रामीणों को कैंसर के खतरे से सावधान करने के लिए जागरूकता शिविर भी लगाया जाएगा।

इस बारे में जब ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया, कि कैंसर की वजह यहां का पानी हो सकता है, क्योंकि गांव के ज्यादातर लोग हैंडपंप का पानी पीते हैं। बता दे, गांव के सिर्फ 10 फीसदी घरों में ही जनस्वास्थ्य विभाग पेयजल सप्लाई कर रहा है।

गांव के सरपंच फूलचंद ने बताया कि गांव का सरकारी स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़ा है। जब कोई पल्स पोलियो अभियान, मिशन इंद्रधनुष या कोई टीकाकरण अभियान चलता है, तब ही यह केंद्र खुलता है। उन्होंने बताया, कि कई बार इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से भी की जा चुकी हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।

साकरस के पूर्व सरपंच फकरुद्दीन बेसर ने इस बारे में बताया, कि यहां 3 साल में 40 लोगों की कैंसर से मौत के बाद भी आज तक कोई जांच नहीं की गई है। लगातार लोग कैंसर के चलते जान गंवा रहे हैं लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

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