सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन यानि CBSE आने वाले नए सत्र से पहले अपने शिक्षा प्रणाली में अनेकों बदलाव कर रहा है। हाल ही में सीबीएसई ने 47 विषयों को अपने शिक्षा प्रणाली से हटाने का फैसला किया था। अब सीबीएसई ने एक और बड़ा फैसला लिया है। CBSE ने 2009 से चले आ रही कॉम्प्रिहेंसिव इवैल्यूएशन स्कीम (CCE) को औपचारिक तौर पर खत्म कर दिया है। आगामी सत्र (2017-18) से यह सिस्टम एक नई प्रणाली में बदल दिया जाएगा। नए सिस्टम में बोर्ड के सभी स्कूलों में एक समान परीक्षा और रिपोर्ट कार्ड का सिस्टम होगा, जिसकी जानकारी बोर्ड के पास जाएगी।
दरअसल, CBSE ने छठी से नौवीं कक्षा के बच्चों की परीक्षा के लिए एक नया एग्ज़ाम फॉर्मेट ला रही है। अब 2017-18 से मूल्यांकन, परीक्षा और रिपोर्ट कार्ड की एक समान प्रणाली लागू की जाएगी। अभी तक बोर्ड को छोड़कर सभी स्कूल छठी से नौवीं तक के बच्चों की परीक्षा, मूल्यांकन और रिपोर्ट कार्ड की व्यवस्था अपनी सुविधानुसार करते थे। जिसकी वजह से छात्रों को परेशानियां भी हो रही थी। उदाहरण के तौर पर बच्चों के मार्क शीट पर ग्रेड दिए जाते हैं, इस ग्रेड में छात्रों के अंको का उल्लेख ना होने की वजह से नौवीं तक के छात्रों को दूसरे स्कूल या राज्य में एडमिशन में दिक्कतें आ रही थीं।
इन्हीं समस्याओं से निजात पाने के लिए सीबीएसई ने देश के सभी स्कूलों में कक्षा छह से 9वीं तक एक जैसा परीक्षा पैटर्न लागू कर दिया है।.. इसके तहत कक्षा छ: से आठ तक परीक्षा के आयोजन में बदलाव किया गया है। इसके तहत कक्षा छ: से आठ तक परीक्षा के आयोजन में बदलाव किया गया है। नए सिस्टम के तहत रिपोर्ट कार्ड में ग्रेड के साथ अंक भी दिए जाएंगे जिसमें 32 से 100 अंकों के बीच A से E तक के 8 ग्रेड शामिल होंगे। छ: से आठ कक्षा में E ग्रेड वाले बच्चों को सुधार की जरूरतों के बारे में बताया जाएगा जबकि नवीं कक्षा में भी इस तर्ज पर एकेडमिक रिपोर्ट कार्ड में ग्रेड दिए जाएंगे लेकिन यहां E ग्रेड लाने वाले को फेल किया जाएगा। इससे छात्र परीक्षा में मिलने वाले अंकों से अपना मूल्यांकन कर सकेंगे।
हर रिपोर्ट कार्ड में सीबीएसई का लोगों और स्कूल का लोगों तय स्थान पर छपेगा। सीबीएसई ने तय फॉरमेट में रिपोर्ट कार्ड जारी करने को कहा है। इसके अलावा सीबीएसई ने एक और अहम बदलाव किया है। पहले सीबीएसई कक्षा छह से नौवीं तक वार्षिक परीक्षा का आयोजन करता था लेकिन अब अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा आयोजित की जाएगी। यानी कक्षा 6 से 9 तक में भी अब समेस्टर पैर्टन लागू किया जाएगा। इसके तहत हर वर्ष में दो समेस्टर होंगे। इसमें 20 अंक इंटरनल एसेसमेंट और 80 अंक परीक्षा के जोड़े जाएंगे।