ICICI बैंक ने 3,250 करोड़ के लोन मामले में वीडियोकॉन को फेवर करने के आरोपों को खारिज करते हुए सीईओ चंदा कोचर का समर्थन किया है बैंक की ओर से कहा गया है कि बैंक का कोई भी व्यक्ति अपने पद पर इतना सक्षम नहीं है कि बैंक की क्रेडिट से जुड़े फैसलों को प्रभावित कर सके।

आपको बता दें कि वीडियोकॉन के इन्वेस्टर अरविंद गुप्ता ने चंदा कोचर पर मॉरीशस और केमेन आइलैंड जैसे टैक्स हैवेन देशों में स्थित कंपनियों के जरिए वीडियोकॉन को लोन देने का आरोप लगाया था। गुप्ता ने आरोप लगाया था कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर ने इस लेन-देन में गलत तरीके से काफी फायदा कमाया। दीपक कोचर नूपावर रीन्यूएबल ग्रुप के मालिक हैं।

गुप्ता के मुताबिक कोचर के नेतृत्व वाले ICICI बैंक ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 3,250 करोड़ का लोन दिया था। इसके साथ ही गुप्ता ने अपने ब्लॉग में कहा है कि 2008 में वीडियोकॉन के चीफ वेणुगोपाल ने 50:50 की साझेदारी में नूपावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड बनाई थी।

हालांकि अब ICICI बैंक ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि नूपावर रिन्यूएबल्स एनर्जी का कोई भी इन्वेस्टर ICICI बैंक का कर्जदार नहीं है।

बोर्ड ने बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर पर पूर्ण भरोसा जताया है. इसमें यह भी कहा गया है कि ये अफवाहें बैंक और उसके शीर्ष प्रबंधन को बदनाम करने के लिए फैलाई जा रही हैं।

वीडियोकॉन समूह को कर्ज के बारे में बैंक ने कहा है कि यह ऋण बैंकों के गठजोड़ की व्यवस्था के तहत दिया गया था।

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाहें चल रही थीं, जिसमें कहा जा रहा था कि एक प्राइवेट बैंक की हाई रैंकिंग एक्जीक्यूटिव ने कर्ज में डूबे वीडियोकॉन ग्रुप के लोन को स्वीकृति दी है।

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