क्या यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से खतरे में पड़ जाएंगी सिख समुदाय की मान्यताएं? 5 पॉइंट में समझें…

Uniform Civil Code लागू होता है तो सिख समुदाय में भी कई बदलाव होंगे। जानिए UCC लागू होने का सिख समुदाय में कितना बदलाव दिखेगा…

0
137
Uniform Civil Code
Uniform Civil Code

Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) अगर लागू किया जाता है तो इसका असर देशभर में देखने को मिलेगा। निश्चित तौर पर इसका असर सिख समुदाय पर भी पडे़गा। अन्य धर्मों की तरह सिखों में भी विवाह आदि को लेकर अलग कानूनी प्रवधान हैं, जिनका उस समुदाय के लोग पालन करते हैं। सिख समुदाय में विवाह आनंद मैरेज एक्ट (2009) के तहत किए जाने का प्रावधान है लेकिन इस एक्ट में तलाक को लेकर कोई नियम मौजूद नहीं है। यही वजह है कि सिखों में तलाक को लेकर वही प्रक्रिया अपनाई जाती है जो हिन्दुओं में होती है।

FotoJet 90

तलाक की प्रक्रिया हिन्दू मैरिज एक्ट के नियमों के जरिए होती है, लेकिन अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो इस समुदाय में भी कई बदलाव होंगे। जानिए UCC लागू होने का सिख समुदाय में कितना बदलाव दिखेगा…

  • Uniform Civil Code का शादी पर असर

यूनिफॉर्म सिविल कोड का सीधा असर शादी के नियमों पर पड़ेगा। इसके बाद आनंद मैरिज एक्ट को खत्म किया जा सकता है क्योंकि शादी को लेकर भी वही नियम लागू होंगे जो सभी धर्मों के लिए समान हों। यही कारण है कि सिखों में शादी के नियम बदलने की बात कही जा रही है और आनंद मैरिज एक्ट को खत्म किया जा सकता है।

  • Uniform Civil Code का तलाक पर असर

सिख समुदाय में तलाक के लिए हिन्दू मैरिज एक्ट के नियमों का पालन किया जाता है, लेकिन इस एक्ट में भी तलाक तभी ले सकते हैं जब शादी में किसी तरह की दिक्कत आ रही हो। बिना किसी दिक्कत के तलाक लेने का कोई प्रावधान शामिल नहीं है। ऐसे में यूसीसी लागू होने के बाद नियम बदल सकते हैं।

  • प्रॉपर्टी के बंटवारे पर क्या असर डालेगा UCC?

मौजूदा समय में सिखों में होने वाले प्रॉपर्टी के बंटवारे और उत्तराधिकारी को मिलने वाले फायदे उनके पर्सनल लॉ के आधार पर लिए जाते हैं। यूसीसी के लागू होने के बाद इन नियमों में बदलाव देखने को मिल सकता है। हालांकि ये नियम कितने बदलेंगे, ये यूसीसी आने के बाद ही साफ हो पाएगा।

  • UCC के बाद क्या बदल जाएंगी धार्मिक प्रथाएं?

सिख समुदाय की अपनी विशिष्ट धार्मिक प्रथाएं और रीति-रिवाज हैं जिन्हें समान नागरिक संहिता के लागू होने के बाद सीधे तौर पर संबोधित करना जटिल होगा। ऐसे में यह देखना होगा कि यूसीसी सिखों के साथ बाकी सभी समुदायों की धार्मिक भावनाओं और प्रथाओं को कैसे देखता है ताकि उनके सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकारों को भी कायम रखा जा सके।

  • आजादी को कैसे सुनिश्चित करेगा UCC?

समान नागरिक संहिता का पहला मकसद सभी नागरिकों के लिए समानता और स्वतंत्रता स्थापित करना है, चाहे उनकी धार्मिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो। हालांकि, सिखों की विशिष्ट पहचान और सांस्कृतिक प्रथाओं का ध्यान रखना भी UCC के लिए आवश्यक होगा।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक जैसा कानून। इसके अंतर्गत कोई भी भारतीय किसी भी धर्म या समुदाय का होगा, उसके लिए एक कानून होगा। अगर ये लागू होता है तो शादी से लेकर बच्चा गोद लेने, तलाक और उत्तराधिकार से जुड़े कानून सभी के लिए एक जैसे हो जाएंगे।

बता दें, भारत पहला देश नहीं है जो समान नागरिक संहिता को लागू करने की तैयारी है। दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां UCC पहले से लागू है। इनमें अमेरिका, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, मिस्र, आयरलैंड, मलेशिया, बांग्लादेश जैसे देश शामिल हैं। यहां अलग-अलग धर्म या समुदाय के लिए अलग-अलग कानून नहीं हैं।

यह भी पढ़ें:

उद्धव ठाकरे की शिवसेना कर सकती है Uniform Civil Code का समर्थन!
Uniform Civil Code के समर्थन में आम आदमी पार्टी, कहा- धर्म, संप्रदायों से चर्चा कर सहमति होनी जरूरी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here