शुक्रवार की शाम को जीएसटी की लांचिंग होगी। ऐसे में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई दिग्गज नेता इस कार्यक्रम में शामिल होकर अपने एकता का प्रदर्शन करेंगे। साथ में अपनी महीनों की कोशिशों को भुनाने का प्रयास करेंगे। वहीं विपक्ष इस कार्यक्रम का पुरजोर विरोध करेगा। लेकिन उसके लिए समस्या इस बात का है कि विपक्ष को इस बार भी सत्ताधारी भाजपा से मुंह की खानी पड़ेगी क्योंकि विपक्ष इस बार भी राष्ट्रपति चुनाव की तरह बिखरा हुआ नजर आ रहा है। दरअसल, इस कार्यक्रम में जहां विपक्ष में कांग्रेस, राजद, डीएमके, एनसी, लेफ्ट ने कार्यक्रम का विरोध करने की ठानी है वहीं सपा,जदयू, एनसीपी, टीआरएस जैसी दलें मोदी सरकार के इस कार्यक्रम में शामिल होंगी।
बता दें कि भले ही इन पार्टियों के नेता अपने व्यक्तिगत राय में जीएसटी के पक्ष में न हो किंतु इनकी पार्टी केंद्र सरकार द्वारा आयोजित संसद की ज्वाइंट सेशन में हिस्सा लेंगी। जी हां, जहां सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का मत है कि जीएसटी उचित है वहीं सपा के ही वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने इसे काला कानून बताया है। इसी तरह जदयू ने कार्यक्रम में जाने न जाने का फैसला अपने नेताओं पर छोड़ दिया है।
यह बेवजह किया गया तमाशा – विपक्ष
दरअसल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल जीएसटी का समर्थन करने के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा आयोजित ज्वाइंट सेशन का विरोध इसलिए कर रही है क्योंकि उनका मानना है कि यह बेवजह किया गया एक तमाशा है। उनका मानना है कि सरकार अपना प्रचार प्रसार कर रही है और जीएसटी के मसले को जनता के सामने भुनाने की कोशिश में लगी है। वहीं विपक्ष का ये भी मानना है कि सरकार ऐसा आयोजन आंधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल में कराकर आजादी के आंदोलन का अपमान भी कर रही है।
सपा नेता नरेश अग्रवाल का कहना है कि केंद्र सरकार के कार्यक्रम में जाना विपक्ष का विभाजन नहीं है। कांग्रेस ने इस सेशन का बहिष्कार सपा से पूछकर नहीं किया था।
जीएसटी पर केंद्र सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम क्यों है खास?
केंद्र सरकार जीएसटी की लांचिंग पार्लियामेंट के सेट्रल हॉल में आधी रात को करेगी। यह वही मौका है जब आजादी का जश्न मनाने के लिए संसद बुलाई गई थी। इससे पहले सिर्फ 3 बार ही (1947,1972,1997) आजादी का जश्न मनाने के लिए ही मिडनाइट सेशन चला था।
14 अगस्त 1947: तब सेंट्रल हॉल को कॉन्स्टिट्यूशन हॉल कहा जाता था। देश को आजादी मिलने वाली थी। आधी रात को स्पेशल सेशन बुलाया गया। पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद चेयर पर बैठे। सबसे पहले वंदे मातरम गाया गया। इसके बाद राष्ट्रपति और फिर पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने स्पीच दी।
14 अगस्त 1972: आजादी मिलने के 25 साल पूरे हो चुके थे। इस मौके पर भी संसद का मिडनाइट सेशन बुलाया गया। तब वीवी गिरी राष्ट्रपति और इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं।
14 अगस्त 1997: आजादी की 50वीं सालगिरह (गोल्डन जुबली) के मौके पर भी मिडनाइट सेशन बुलाया गया था। उस समय इंद्र कुमार गुजराल पीएम और केआर नारायणन राष्ट्रपति थे।
यह पहली बार है, जब आजादी के जश्न के अलावा किसी इकोनामिक रिफार्म के लिए आधी रात को संसद चलेगी। बता दें कि इस कार्यक्रम में सांसद, केंद्र सरकार के मंत्री, सभी राज्य सरकारों के मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री और जीएसटी से जुड़े लोगों को न्योता दिया गया है।
जानिए क्या है जीएसटी और किन राज्यों में होगा लागू?
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर है। जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लगाया जाता है। देश में पहले वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स जैसे करों को वसूला जाता था और अलग-अलग राज्यों में किसी वस्तु व सेवा पर दाम अलग-अलग हुआ करता था लेकिन अब लोगों से जीएसटी ही वसूला जाएगा और किसी भी राज्य में किसी वस्तु का दाम लगभग एक सा रहेगा। जीएसटी लगभग सभी राज्यों में लागू हो चुका है लेकिन जम्मू-कश्मीर में अभी इसको लागू होना बाकी है।
जानिए किस चीज पर कितना टैक्स
- स्किम्ड दूध पाउडर, बच्चों का मिल्क फूड, पैक्ड पनीर, काजू, चीनी, चाय पत्ती, कॉफी के भुने दाने, किशमिश, पीएसडी केरोसीन, एलपीजी, जूते-चप्पल, कपड़े (1000 रुपए तक), चटाई और फ्लोर कवरिंग जैसी चीजों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
- मोबाइल, पैक्ड नारियल पानी, सब्जी, फल, नट्स, मक्खन, घी, बादाम, फ्रूट जूस,अचार, मुरब्बा, चटनी, छाता जैसी चीजों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
- साबुन, पास्ता, कॉर्नफ्लैक्स, सूप, आइसक्रीम, टॉयलेट्रीज, कम्प्यूटर, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट जैसी चीजों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
- पान मसाला, फूड बेवरेज, शेविंग क्रीम, शैम्पू, मार्बल, सीमेंट, एल्यूमिनियम के दरवाजे-खिड़कियां, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कारें, टू-व्हील, रिस्ट वॉच, डिजिटल कैमरा जैसी चीजों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
- बता दें कि कुछ ऐसी चीजें भी है जिसमें जीएसटी नहीं लगेगा वो चीजें हैं- दूध, अंडे, दही, लस्सी, खुला पनीर, खजूर का बना गुड़, नमक, काजल, खुला अनाज, ताजी सब्जियां, बिना मार्का आटा, बिना मार्का मैदा, बिना मार्का बेसन, गुड़, फूल झाड़ू, बच्चों की ड्रॉइंग की किताबें, एजुकेशन सर्विसेस और हेल्थ सर्विसेस।