आखिरकार आखिरी राज्य के रूप में बचे जम्मू-कश्मीर में भी जीएसटी लागू हो ही गया और इस तरह पूरे देश भर में जीएसटी लागू हो चुका है। 31 जून के रात्रि तक जम्मू-कश्मीर को छोड़ बाकी सभी राज्यों ने जीएसटी को स्वीकार कर लिया था और इस तरह से 1 जुलाई को जम्मू-कश्मीर छोड़ देशभर में जीएसटी लागू हो गया था। किंतु दो दिन के तीखी बहस के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी बहुमत से जीएसटी को पारित कर दिया गया। इस बाबत विपक्ष और निर्दलीय नेताओं ने जमकर हंगामा किया।
राज्य के वित्त,श्रम व रोजगार मंत्री हसीब द्राबु ने विधानसभा में जीएसटी प्रस्ताव पेश किया। चार दिवसीय चलने वाले इस विशेष सत्र में दूसरे दिन ही भाषण समाप्त होते ही अध्यक्ष कविंदर गुप्ता ने जीएसटी विधानसभा के समक्ष मतदान के लिए रखा जिसे सब ने एक स्वर में पारित कर दिया। वहीं जम्मू कश्मीर के बीजेपी प्रमुख सत शर्मा ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद जम्मू-कश्मीर का सालाना राजस्व 10 हजार करोड़ तक बढ़ जाएगा।
विधानसभा में जीएसटी पारित होने के बाद जहां एकतरफ जीएसटी के पक्षकारों ने जम्मू-कश्मीर को बधाई दी वहीं विरोधियों ने इसका कड़ा विरोध किया। यही नहीं जीएसटी लागू होने के बाद कई जगह विरोध प्रदर्शन भी हुआ है। वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में जीएसटी पारित होने के बाद कहा कि यह बेहद शर्मनाक है और यह राज्य के संवैधानिक सुरक्षा मानकों के लिए खतरा हो सकता है।
बता दें कि भारत में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है। इसका खुद का अपना संविधान है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत इसे विशेष दर्जा प्राप्त है जिसके कारण जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य की संवैधानिक सुरक्षा करनी पड़ती है।