वेब चेक-इन पर हर सीट के लिए शुल्क वसूलने के एयरलाइंस कंपनियों के निर्णय की सरकार समीक्षा कर रही है। नागर विमानन मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह जांच करेगा कि कंपनियों का यह फैसला मौजूदा नियमों के अनुरूप है या नहीं।
मंत्रालय ने कहा, ‘कंपनियां वेब चेक-इन पर सभी सीटों के लिए शुल्क वसूल रही हैं, ऐसा हमारे संज्ञान में है लेकिन हम इसकी समीक्षा करेंगे कि यह अलग-अलग सेवाओं के लिए कीमत निर्धारण करने की मौजूदा व्यवस्था के अनुरूप है या नहीं। हालांकि, तत्काल यह नहीं कहा जा सकता कि अन्य बजट एयरलाइंस कंपनियों ने भी अपनी वेब चेक-इन व्यवस्था को बदला है या नहीं।’
आपको बता दें कि सस्ती विमान सेवा देने वाली कंपनी इंडिगो ने 14 नवंबर से वेब चेक-इन पर शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। कंपनी के इस कदम की सोशल मीडिया पर चौतरफा काफी आलोचना हुई, जिसके बाद नागर विमानन मंत्रालय ने इस फैसले की समीक्षा का फैसला किया है।
गौरतलब है कि इंडिगो ने प्रत्येक सीट के लिए एक प्राइस की शुरुआत कर वेब चेक-इन को चार्जेबल बना दिया है। इसका मतलब है कि अगर आप एयरपोर्ट पर लंबी कतार से बचने के लिए वेब चेक-इन करते हैं तो आपको इसके लिए भी पैसे देने होंगे। इंडिगो डोमेस्टिक मार्केट की अग्रणी कंपनी है और इसका मार्केट के 43 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा है। ऐसे में दूसरी लो कॉस्ट कैरियर भी इस तरह का कदम उठा सकती हैं।