अभी तक आपने पुलिस के वर्दी के रंग को सिर्फ फिल्मों में बदलते हुए देखा होगा वो चाहे फिल्म अजय देवगन की सिंघम हो या सलमान खान की दबंग। लेकिन अब वास्तव में पुलिस की वर्दी का रंग बदल जाएगा।

कई सालों से चली आ रही पुलिस की वर्दी खाकी की तस्वीर अब बदलने वाली है। ब्रिटिश काल से चली आ रही पुलिस ख़ाकी की परंपरा पर विराम लग जाएगा। यह बदलाव जल्द ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर लागू किया जाएगा। जिसमें पुलिस के शर्ट, ट्राउजर, बेल्ट, जूते और जैकेट शामिल है। ब्यूरो ऑफ रीसर्च ऐंड डिवेलपमेंट के द्वारा इस ख़ाकी की खाका को तैयार किया गया है। इसके अलावा आपात की परिस्थितियों में  बारिश से बचाव के लिए और वजनदार हेलमेट की जगह स्मार्ट रेनकोट और हेडगियर की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

ख़ाकी शब्द फारसी भाषा के खाक शब्द से लिए गया है, जिसका मतलब है धूल या मिट्टी। देश के अलग-अलग राज्यों के पुलिस वालों से पूछा गया कि क्या वाकई में पुलिस की वर्दी में खामियां है? जवाब में नौ राज्यों का मानना है कि पुलिस की वर्दी में कई सारी खामियां है जिसे तत्काल प्रभाव से बदलना चाहिए।

भारत वैसे विविधिताओं से भरा देश है जिसके अलग-अलग रंग और रूप हैं। ऐसे में मौसम और परिस्थितियों को देखते हुए नए स्मार्ट वर्दी को डिजाइन किया गया है। वैसे देखा जाए तो पुलिस की वर्दी काफी मोटी और उनकी टोपी भी ऊन की होती है जिससे गर्मी से हाल बुरा हो जाता है। साथ ही साथ उनकी कमर बेल्ट इतनी मोटी हो जाती है कि झुकना काफी मुश्किल हो जाता है। वर्दी में अन्य जरूरी सामान रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती थी। जो एक बड़ा कारण है। गर्मी के कारण वर्दी जल्द ही गंदी हो जाती है। वैसे देखा जाए तो यह बदलाव सरकार द्वारा चलाई गई मुहिम स्वच्छता अभियान का एक अच्छा उदाहरण है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या वाकई में पुलिस स्मार्ट हो जाएगी? क्या इससे उनके काम करने के तरीके में कोई फर्क आएगा?

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