4T की पहेली की उलझी कड़ियां; तिहाड़, तीतर, टुंडा और ताजपुरिया

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gangster murder in tihar jail
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सींखचों के पीछे बसती है जुर्म की स्याह दुनिया, खतरनाक गैंगस्टर्स, जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाले क्रिमिनल्स, कानून राज के बाद भी वहां चलता है उनका अपना कानून, जहां सिर्फ एक है उसूल, खून का बदला खून। आज उसी तिहाड़ की कहानी, जिसके हिस्से बार बार आती है बदनामी। टिल्लु ताजपुरिया के कत्ल का वीडियो देखने के बाद आप भूल जाएंगे ग्वांतानामो बे। भूल जाएंगे वेब सीरीज पर देखी गई लैटिन अमेरिकी देशों में जेलों की काली कहानियां, तिहाड़ जेल के अंदर जुर्म की स्याह दुनिया अक्सर छोड़ जाती हैं सबसे खतरनाक निशानियां।

ये वेनेजुएला या कोलंबिया की बदनाम जेल नहीं, ना ही अमेरिका के कंट्रोल वाला ग्वांतानामो बे है जहां दुनिया के सबसे खूंखार आतंकियों को अमेरिका रखता था। ये तिहाड़ है। एक कैदी को चार दूसरे कैदी खींचकर लाते हैं औऱ फिर जेल में सीलिंग फैन की पत्ती को तोड़कर बनाए गए चाकू औऱ सुओं से इतनी बार वार करते हैं कि आप गिनती भूल जाएंगे।

कहते हैं एशिया में सबसे सुरक्षित जेल राजधानी दिल्ली की तिहाड़ है लेकिन उसी तिहाड़ में रची गई क्राइम की दुनिया की सबसे खौफनाक, खतरनाक 4 T वाली साजिश। 4 T वाली साजिश में चार किरदार। तीन अपराधी और एक इमारत जिसका नाम तिहाड़। सीसीटीवी में दर्ज एक कैदी का दूसरे कैदियों के हाथों कत्ल, वो भी उस जेल में जिसकी सुरक्षा को लेकर कशीदे कढ़े जाते हैं, फिर ऐसा क्या हुआ कि सारी सुरक्षा धरी रह गई औऱ तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरों की निगहबानी में कैदियों ने चाकुओ और सुओं से टिल्लू ताजपुरिया को ऐसे गोदा जितना कश्मीरी दम आलू बनाते वक्त सुए से आलू को भी नहीं गोदते। आखिर क्या है ये 4 T की मर्डर मिस्ट्री?

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सबसे पहले 4 T का फॉर्मूला। टिल्लू ताजपुरिया T 1। योगेश टुंडा T 2। दीपक तीतर T3। T 2 यानी योगेश टुंडा औऱ T 3 यानी दीपक तीतर ने मिलकर T 4 यानी तिहाड़ जेल में टार्गेट T 1 यानी टिल्लू ताजपुरिया का काम तमाम कर दिया। कत्ल की ये वारदात तिहाड़ में ना तो पहली है और दुर्भाग्य से शायद आखिरी भी नहीं। फिर ऐसा क्या हुआ कि सारी सुरक्षा व्यवस्था को ताक पर रखकर शातिर क्रिमिनल्स ने गिरोह की दुनिया में सबसे दुर्दांत नामों में एक टिल्लु ताजपुरिया को इस बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया जिसकी कल्पना भी मुश्किल थी अगर वीडियो नहीं आया होता ।

टिल्लू ताजपुरिया का कत्ल क्राइम की दुनिया में सालों से चल रही गैंगवॉर का खूनी अंजाम है। ताजपुरिया को दीपक तीतर और योगेश टुंडा ने दूसरे गुर्गों की मदद से जिस तरीके से मौत के घाट उतारा, वो दुनिया के सामने है। सौ से ज्यादा बार सुओं औऱ चाकूओं से गोदे गए ताजपुरिया का शरीर बेजान पड़ गया था लेकिन टुंडा और तीतर पुलिस वालों की मौजूदगी में भी बैखौफ ताजपुरिया के यमलोक की एंट्री तय करने केलिए वार पर वार करते रहे।

यहां तक की पुलिसवाले को भी धकिया कर अलग कर दिया। तिहाड़ की सिक्योरिटी को नंगा कर देने वाली कत्ल की इस वारदात के सीक्वेंस को अगर गौर करें तो हैरानी होगी कि हाई सिक्योरिटी कही जाने वाली जेल जब ऐसी होती है तो लो सिक्योरिटी वाली जेलों में कितनी अंधेरगर्दी होगी

तिहाड़ में हड़कंप मचा देने वाले हत्याकांड के बाद शुरुआती जांच में जो पता चला उसके मुताबिक। ऐसे हुआ सबसे सनसनीखेज हत्याकांड । सुबह 6.10 बजे के आसपास शुरू हुआ मामला। पहली मंजिल की ग्रिल को काटकर नीचे उतरे तीतर औऱ टुंडा। चादर के सहारे नीचे उतरे हत्यारे। वॉशरूम के पास था टिल्लू का सेल, हमलावर सेल के खुलने का इंतजार करने लगे।

इसी बीच टिल्लू के सेल का दरवाजा खुला और इसके साथ ही ताक लगाए तीतर औऱ टुंडा ने बाकी लोगों की मदद से हमला बोल दिया, टिल्लु को समझने का मौका मिलता उससे पहले 90 सेकेंड में गेम खल्लास। अब कई दलीलें दी जा रही हैं। सीसीटीवी कैमरे उस जगह पर नहीं थे, ये भी तर्क जेल अधिकारी दे रहे। अगर सीसीटीवी कैमरे नहीं हुए तो फिर टिल्लू ताजपुरिया पर हमले का ये वीडियो कैसे बाहर आया।

औऱ तो औऱ जब टिल्लू ताजपुरिया लहुलूहान होकर बेजान था तब पुलिसवाले पहुंच चुके थे, टिल्लू के शरीर को बाहर लाया जा रहा था तब भी देखिए कितने पुलिसवाले वहां मौजूद थे। अगर गिनती करें तो एक दो नहीं पूरे नौ पुलिसवाले, जमीन पर पड़ा टिल्लू ताजपुरिया का बेजान शरीर औऱ पुलिस की मौजूदगी से बैखोफ टुंडा औऱ तीतर इसके बाद भी वार करते हुए पुलिस को धकियाते हुए।

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