जान बची तो लाखों पाएं…इन भागते लोगों पर ये लाइन बिल्कुल सटीक बैठती है…खैर भागने से इन लोगों की अनमोल जिंदगी बच गई…ये तस्वीरें हरिद्वार के चीला पावर प्रोजेक्ट की हैं…इस हादसे के पीछे हरिद्वार में चिल्ला पावर प्रोजेक्ट का वॉल्व फटना है…हरिद्वार में चीला पावर प्रोजेक्ट का वॉल्व फटने से पानी ओवरफ्लो हो गया…पानी ओवरफ्लो होने से पावर प्लांट में काम कर रहे दर्जनों कर्मचारियों ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई…
वॉल्व में ब्लास्ट जान बचाकर भागे कर्मचारी
घटना बीती 13 जुलाई को दोपहर ढाई बजे की है लेकिन अभी तक वॉल्व की मरम्मत नहीं हो सकी है…जिससे राज्य की 144 मेगावाट वाली जल विद्युत परियोजना ठप हो चुकी है…एक बार फिर उत्तराखंड में बिजली संकट गहरा गया है…भीषण गर्मी और उमस के मौसम में लोग पंखे की हवा के लिये तरस गये हैं…उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष राकेश शर्मा ने इसके लिये परियोजना से जुड़े अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है…वहीं, फटे वॉल्व की मरम्मत नहीं होने से डरे सहमे कर्मचारी चीला पावर प्रोजेक्ट में दोबारा काम करने से घबराये हुए हैं…आखिर सवाल जिंदगी का है…
144 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना ठप
144 मेगावाट वाली जल विद्युत परियोजना ठप होने से एक बार फिर सूबे में बिजली संकट गहरा चुका है…डर के साये में कर्मचारी काम करने को मजबूर हैं…उत्तराखंड प्रांतीय विद्युत कामगार संगठन ने चीलापावर प्रोजेक्ट में पहुंचकर कर्मचारियों का हाल जाना…संगठन के अनुसार पिछले कई सालों से मरम्मत के नाम पर अधिकारी केवल लीपापोती करते रहे हैं…अधिकारियों ने मरम्मत के पैसों की बंदरबांट की है…
‘अधिकारियों ने वाल्व बदलने के बदले अपनी जेंबें की गर्म‘
हरिद्वार चिल्ला पावर प्रोजेक्ट का वॉल्व कई सालों से खराब पड़ा हुआ था और कर्मचारी लगातार इसे बदलने की मांग कर रहे थे…लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी…चिल्ला पावर प्रोजेक्ट का वॉल्व फटने के बाद अफरातफरी मच गई जिससे पानी बैराज से ओवरफ्लो होने लगा…
हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बंद, जांच की जरुरत
ब्लास्ट के बाद से चिल्ला हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गया है…जल विद्युत वाली चिल्ला पॉवर प्रोजेक्ट में पानी की आपूर्ति ऋषिकेश के पशुलोक बैराज से होती है लेकिन आजकल काम बंद है…कर्मचारियों ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है…ऐसे में निष्पक्ष जांच के साथ ही कार्रवाई की जरुरत है…जिससे समय रहते बिजली आपूर्ति शुरु हो सके और कर्मचारियों के जान-माल की सुरक्षा भी की जा सके…
—एपीएन ब्यूरो