मध्य प्रदेश में तीसरे दिन भी किसानों की हड़ताल जारी रही। हड़ताल से पूरे प्रदेश में सब्जियों और दूध के दाम बढ़ गये हैं। किसानों की हड़ताल लम्बी खींचने के चलते सरकार वैकल्पिक व्यवस्था में जुट गयी है। प्रदेश में फल, सब्जियां और दूध की आपूर्ति निरंतर बनाए रखने के लिए प्रशासन तैयारी कर रहा है। वहीं, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने हड़ताल जारी रखने की घोषणा कर दी है। हालांकि उन्होंने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण किया जा रहा है और आगे भी शांतिपूर्ण ही होगा।
मध्य प्रदेश के धार, रतलाम, इंदौर, उज्जैन, राजगढ़, आगरमालवा, शाजापुर और मालवांचल के अन्य जिलों में पिछले तीन दिनों से किसानों के आंदोलन के बीच कुछ स्थानों पर सड़क पर दूध बहाया गया और सब्जियों को सड़कों पर फेंक दिया गया। प्रदेश के शहरों में तीसरे दिन दूध, फल और सब्जी ऊंचे दाम पर बिकने लगी हैं। प्रदेश के कुछ शहरों में एहतियातन अतिरिक्त पुलिस बल के साथ ही आरएएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है। पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। किसानों का आंदोलन फल, सब्जी,चना, गेंहूं, सोयाबीन और समस्त दालों का समर्थन मूल्य बढ़ाने और दुग्ध उत्पादों के न्यूनतम निर्धारित मूल्य बढ़ाने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करवाने के लिये है।
गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र में भी किसानों ने ऐसे ही प्रदर्शन किया था। महाराष्ट्र के किसानों ने भी सड़कों पर दूध बहाकर और सब्जियों को सड़कों पर फेंक कर सरकार के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया था। हालांकि सरकार ने आज तडके सुबह किसानों की सभी मांगों को मान लिया और यह हड़ताल समाप्त हो गई। वहां भी किसान कर्जमाफी,समर्थन मूल्य बढ़ाने के साथ बिजली अनुदान और पेंशन की मांग पर अड़े थे। इसके अलावा किसानों ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिसों को लागू करने की भी मांग की थी। मध्यप्रदेश में हालांकि अभी सरकार और आन्दोलनकारी किसानों के बीच किसी भी तरह के बातचीत की कोई खबर नहीं है। लेकिन इतना जरुर है कि किसानों के इस हड़ताल से दूध और सब्जियों की भारी किल्लत हो रही है। जिसके वजह से आम आदमी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।