फेसबुक ने तेलंगाना के विधायक टी राजा सिंह को फेसबुक से प्रतिबंधित कर दिया है। फेसबुक ने कहा है कि उनकी मूल्यांकन प्रक्रिया “व्यापक है, फेसबुक नीतियों का उल्लंघन करने के चलते फेसबुक ने उनके अकाउंट को हटाने का फैसला किया है। फेसबुक की ओर से बीजेपी विधायक पर कार्रवाई ऐसे समय की गई है जब नफरत फैलाने वाली सामग्री के प्रबंधन को लेकर उसे भारत में काफी राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने फेसबुक पर अपनी रिपोर्ट में अज्ञात अंदरूनी लोगों के हवाले से कहा था कि फेसबुक इंडिया की वरिष्ठ अधिकारी अंखी दास ने एक आंतरिक संदेश में राजा सिंह पर स्थायी रूप से बैन लगाने को रोका था। रिपोर्ट में कहा गया था कि इससे भारत में कंपनी के “कारोबार” पर असर पड़ेगा। 

हालांकि विधायक टी राजा सिंह ने पिछले महीने ट्विटर पर वीडियो में दावा किया था कि उनका कोई आधिकारिक फेसबुक पेज नहीं है। उन्होंने कहा, “मुझे पता चला है कि फेसबुक पेज मेरे नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मेरा कोई आधिकारिक पेज नहीं है। मैं किसी भी पोस्ट के लिए जिम्मेदार नहीं हूं।” सिंह ने सांप्रदायिक पोस्ट से जुड़ी बातों को भी खारिज कर दिया था और दावा किया था कि उनका आधिकारिक फेसबुक अकाउंट 2018 में “हैक और ब्लॉक हो गया था।”

इस बीच फेसबुक के अधिकारी बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी मामलों पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष पेश हुए थे। इस दौरान, अधिकारियों ने नफरत फैलाने पोस्ट को लेकर राजनीतिक रूप से पक्षपात करने के आरोपों से जुड़े सवालों का सामना किया। इस समिति के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद शशि थरूर हैं।

भारत की मौजूदा सरकार भी फेसबुक को मनमानी करने देने के मूड में नहीं है। बीजेपी नेता और केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को पत्र लिखकर बड़े आरोप लगाए हैं। फेसबुक की राजनीतिक दलों से साठगांठ के आरोपों के बीच प्रसाद का लेटर काफी अहम है। रविशंकर प्रसाद ने जकरबर्ग को भेजे गए लेटर में लिखा है कि फेसबुक इंडिया की टीम राजनीतिक विचारधारा के आधार पर भेदभाव करती है। उन्होंने पत्र में लिखा है फेसबुक के कर्मचारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्रियों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि फेसबुक इंडिया की टीम में कई वरिष्ठ अधिकारी एक खास राजनीतिक विचारधारा के समर्थक हैं।

प्रसाद ने लेटर में लिखा है कि सन् 2019 के चुनाव से पहले फेसबुक इंडिया मैनेजमेंट ने दक्षिणपंथी विचारधारा के समर्थकों के फेसबुक पेज डिलीट कर दिए या उनकी पहुंच कम कर दी। उन्होंने लिखा है कि फेसबुक को संतुलित व निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि किसी भी संस्थान में काम करने वाले व्यक्तियों की पसंद और नापसंद हो सकती है, लेकिन एक संस्थान की पब्लिक पॉलिसी पर इसका कोई असर नहीं होना चाहिए।

इस मुद्दे पर अब विधायक टी राजा सिंह का भी बयान आया है। टी राजा सिंह ने कहा है कि, ‘मुझे सूचना मिली है कि फेसबुक ने मेरे नाम पर चल रहे सभी पेज और अकाउंट को हटा दिया है। अन्य दलों के कई नेता हैं जो भड़काऊ भाषण देते हैं। फेसबुक को उनके भी अकाउंट पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।’

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