देश के पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव चल रहे हैं। यूपी में दो चरण और मणिपुर का चुनाव होना अभी बाकी है। चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने भी सख्त रुख अख्तियार किया है। इसी क्रम में अब आयोग ने नोटबंदी के बाद बसपा के खाते में भारी-भरकम रकम जमा कराने के आरोप वाली याचिका पर पार्टी से जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने बसपा सुप्रीमों मायावती को नोटिस जारी कर 15 मार्च तक जवाब मांगा है।

Election commission asked BSP to give the details of 105 croreइलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने नोटबंदी के दौरान बसपा के खातों में जमा किए गए कुल 104 करोड़ रुपये का हिसाब मांगा है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में बसपा पर आरोप लगा था कि पार्टी ने नोटबंदी के दौरान बहुत ही कम समय में अपने बैंक खातों में लगभग 100 करोड़ से ज्यादा की रकम जमा की थी। जिसमें पुराने 500 के नोटों के 3 करोड़ रुपये भी शामिल थे। बसपा ने अभी तक इन पैसों के आय का स्त्रोत नहीं बताया है।

आयोग से नोटिस मिलने के बाद बसपा की ओर से कहा गया कि चुनाव आयोग को उसके साथ-साथ सपा, भाजपा और कांग्रेस से भी जवाब मांगना चाहिए। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हम चुनाव आयोग से आग्रह करेंगे कि वह सपा, बीजेपी और कांग्रेस समेत सभी पार्टियों से नोटबंदी के बाद अपने खाते में जमा किए गए रुपयों का विवरण मांगें। यह हिसाब सिर्फ बसपा से ही ना मांगा जाए।

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