मोदी सरकार ने नोटबंदी करके काला धन रखने वालों के पसीने छुड़वा दिए थे। 31 मार्च तक केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों को अपना अवैध धन वैध करने का मौका दिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूरे देश में छिपे कालेधन के खिलाफ ऑपरेशन चलाते हुए जंग छेड़ दी है। बताया जा रहा है कि ईडी अधिकारियों ने एक साथ लगभग 300 फर्जी कंपनियों पर छापा मारा है। ईडी ने विश्वज्योति रीयल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद एंव बाकी कंपनियों की 3.04 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। संपत्ति जब्त करने के साथ इन सभी पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत कार्यवाही भी की जाएगी।
ईडी अभी तक करीबन 16 राज्यों के 100 जगहों पर छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि नोटबंदी के बाद पैसे छुपाने के लिए कई फर्जी कंपनियां बनाई गईं और ईडी के अधिकारियों को संदेह है कि इन कंपनियों के जरिए पैसा विदेश भेजा गया है। ईडी के सैकड़ों अधिकारी कोलकत्ता, दिल्ली, बेंगलूरू, मुंबई, चंडीगढ, पटना, चेन्नई, कोचि और हैदराबाद में यह छापेमारी का ऑपरेशन चला रहे हैं। छापेमारी अभियान में जुटे रहने के साथ ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं और कई सौ करोड़ रुपयों के लेनदेन का ब्यौरा लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो छापेमारी से नेताओं के बीच भी हड़कंप मच गया है। ईडी के डायरेक्टर कर्नल सिंह के हवाले से मीडिया में खबरें आ रही हैं कि एंट्री ऑपरेटर और शेल कंपनी काले धन को सफेद करने के लिए रीढ़ की हड्डी का काम करते हैं। ब्लैक मनी के इस खेल में जो भी शामिल पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जायेगा।