प्रवर्तन निदेशालय देश के इतिहास में हुए अबतक के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले को अंजाम देने वाले कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी की विदेशी संपत्तियों और कारोबार के बारे में जानकारी जुटाने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में उन 15-17 देशों को अनुरोध पत्र भेजे जाएंगे, जहां से ED को नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के स्वामित्व वाली कंपनियां होने के संके​त मिले हैं। इन देशों में बेल्जियम, हांगकांग, स्विटजरलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, दुबई, सिंगापुर और दक्षिण अफ्रीका शामिल है।

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सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि इस संबंध में एजेंसी मुंबई में सक्षम अदालत से संपर्क कर अनुरोध पत्र (एलआर) जारी करने का अनुरोध करेगी। एलआर एक न्यायिक लेटर होता है जो एक देश की अदालत किसी दूसरे देश की कोर्ट को किसी न्यायिक मदद के लिए जारी करती है।

इस तरह के अनुरोध पत्र भेजने का मकसद नीरव मोदी और मेहुल की विदेशी संपत्तियों का ब्यौरा हासिल करना है। विदेशों से उनके बैंक खातों, संपत्तियों, भागीदारियों, शोरूम, ट्रस्टों और अन्य परिसंपत्तियों की जानकारी मांगी जाएगी। एजेंसी ने पंजाब नेशनल बैंक के अलावा 16 अन्य बैंकों से भी मोदी, चोकसी और उनकी कंपनियों को दिए गये कर्ज और गारंटी का ब्यौरा मांगा हैं। बता दे, नीरव मोदी, उसकी पत्नी एमी और चोकसी को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुंबई कार्यालय में हाजिर होने का सम्मन भी जारी कर दिया गया है।

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बताया जा रहा है कि इनकी संपत्तियों और आय के स्रोत की जांच की जाएगी और अगर किसी भी तरह से उन दोनों का संबंध पीएनबी घोटाले से पाया गया तो उन्हें भी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत अटैच कर दिया जाएगा।

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