ईवीएम विवाद से नाराज चुनाव आयोग ने अपने लिए सरकार से कुछ विशेष शक्तियों की मांग की है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर खुद के लिए “शक्ति” की मांग की है ताकि वो खुद पर “बेबुनियाद आरोप” लगाकर छवि बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्यवाई कर सके। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक चुनाव आयोग चाहता है कि कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट एक्ट 1971 में संशोधन  किया जाए और उन्हें बदनाम करने वाले या उनकी अवमानना करने वालों के खिलाफ कार्यवाई करने का अधिकार दिया जाए।

आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने विधि मंत्रालय को यह पत्र करीब एक महीना पहले लिखा था। जिसमें उन्होंने हाल ही में हुए घटनाओं और राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए आरोपों का जिक्र किया। पाकिस्तान के चुनाव आयोग समेत दूसरे देशों  के पास अपनी अवमानना का केस चलाने का उदाहरण देते हुए चुनाव आयोग ने अपने लिए भी इस कानून की मांग की। दरअसल, पकिस्तान में इलेक्शन कमिशन ऑफ पाकिस्तान (ECP) के पास अधिकार हैं कि वह उसकी छवि खराब करने वालों के खिलाफ अवमानना का केस चला सकता है। हालांकि इस पत्र पर विधि मंत्रालय अभी विचार कर रहा है।

गौरतलब है कि यूपी समेत पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव के बाद बसपा और आम आदमी पार्टी सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने इवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद चुनाव आयोग ने इनके लिए हैकथॉन का भी आयोजन किया था पर इन पार्टियों ने इसमें भाग न लेकर इसकी भी अवहेलना की। फिलहाल चुनाव आयोग के पास आरोप लगाने वालों के खिलाफ कार्यवाई करने का कोई अधिकार नहीं है इसलिए चुनाव आयोग ने अपने लिए सख्त नियमों की मांग की है।  ताकि इस तरह चुनाव आयोग की बार-बार अपमान और अवमानना न की जा सके।

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