इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग ने 12 मई को दिल्ली में सभी राजनीतिक पार्टियों की एक बैठक बुलाई है। बैठक में ईवीएम को लेकर कुछ राजनीतिक पीर्टियों की ओर से उठायी गई आपत्तियों और उनकी शंकाओं को दूर करने की कोशिश की जाएगी।

बता दें कि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) समेत कई पार्टियों ने ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप लगाते हुए बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग की थी। पार्टियों का दावा था कि ईवीएम में लोगों का विश्वास खत्म हो गया है। हालांकि, बीजेपी ने इसे विधानसभा चुनाव में पार्टियों को मिली हार की खीझ करार दिया था।

आयोग ने बताया कि इसके लिए 7 राष्ट्रीय और 49 राज्य स्तर की पार्टियों को बुलाया है। हम पार्टियों को भरोसा दिलाएंगे कि चुनावों में इस्तेमाल होने वाली मशीनें पूरी टेम्पर प्रूफ हैं। इनमें गड़बड़ी या छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं है। इसके बाद मई के आखिर में ईवीएम में टेम्परिंग को साबित करने के लिए ओपन चैलेंज होगी। बता दें कि इसी साल 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद आप, कांग्रेस, बीएसपी और एसपी समेत 16 पार्टियों ने मशीनों में गड़बड़ी की शिकायत की थी।

29 अप्रैल को मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा था, ‘आगे चुनावों में नई वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के इस्तेमाल के लिए आयोग ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्ट लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को ऑर्डर दिया है। उम्मीद है कि सितंबर, 2018 तक करीब 15 लाख वीवीपैट मशीनें इस्तेमाल के लिए तैयार रहेंगी।’

बता दें कि कुछ दिन पहले ही मोदी कैबिनेट ने वीवीपैट मशीनें खरीदने के लिए 3173 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है, जिससे 16.15 लाख नई मशीनें खरीदी जाएंगी। आयोग ने इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था।

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