चीनी सरकार का मुखपत्र माना जाने वाला अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ का कहना है कि उनके देश को भारत की आर्थिक तरक्की को गंभीरता से लेना चाहिए। अखबार में छपे एक लेख में लिखा गया है कि, चीन को बहुत ज्यादा बेपरवाह नहीं होना चाहिए, खासतौर पर तब, जब भारत ‘चीन को कॉपी’ करता है।

अखबार का मानना है कि भारत ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को आकर्षित करने में कामयाब रहा है और चीन को इस बात को चीन को ‘गंभीरता’ से लेना चाहिए। भारत को गंभीरता से लेने की एक अन्य कारण ‘भारत की जनसांख्यिकी संबंधित खासियत को भी बताया गया है। लेख के मुताबिक, भारत की आधी आबादी 25 साल से कम उम्रवालों की है, जिसका उसे फायदा मिलेगा।’

ग्लोबल टाइम्स में गुरुवार को ये जो आर्टिकल छपा है, वह एक प्राइवेट चीनी थिंक टैंक ‘एनबाउंड’ की रिपोर्ट पर आधारित है। रिपोर्ट में इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की गई थी कि ‘यदि भारत चीन को कॉपी करने का फैसला करता है तो इसके क्या प्रभाव पड़ेंगे और चीन को क्या करना चाहिए?’

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, ‘अगर भारत जानबूझकर दुनिया भर के निवेशकों के सामने एक प्रतिस्पर्धी माहौल बनाता है तो यह चीन के सामने एक बड़ी चुनौती हो सकती है। इसकी वजह यह है कि भारत में चीन के इकनॉमिक मॉडल को कॉपी करने का माहौल है। इसकी वजह इसका बड़ा बाजार, सस्ता श्रम और बड़ी आबादी है। इन सभी मोर्चों पर भारत और चीन के हालात एक जैसे हैं।’

अखबार ने सोलर एनर्जी के सेक्टर में भारत की कामयाबी की भी तारीफ की है। इसमें लिखा है, ‘पीएम मोदी पारंपरिक ईंधन की जगह क्लीन एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की दिशा में सोच रहे हैं। इसके लिए बड़े पैमाने पर सोलर पार्क बनाए जा रहे हैं और अगले पांच साल में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए वर्ल्ड बैंक से मिलने वाले लोन का सहयोग भी मिलेगा। सोलर इकॉनमी में निवेशकों को खींचने में कोई भी देश भारत का मुकाबला नहीं कर सकता।’

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