एक तरफ जहां मायानगरी मुंबई में चंद रुपयों में आदमी पूरा शहर घूम ले तो वहीं देश की राजधानी दिल्ली में टैक्सी, टैम्पो, मेट्रो आदि का किराया इतना महंगा होता जा रहा है कि चंद रुपयों में चंद कदम भी नसीब नहीं हो पा रहे हैं। मेट्रो के बाद अब दिल्ली के ऑटो भी महंगे होते जा रहे हैं। ऑटो चालकों के साथ एक बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली हैं। इससे ऑटो से चलने वालों का सफर महंगा हो जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को नए किराए के स्लैब को मंजूरी दी है। दिल्ली सरकार एक कमिटी का गठन करेगी जो नए किराए को लागू करवाने के लिए राज्य ट्रांसपोर्ट प्राधिकरण(एसटीए) की मंजूरी लेगी।

केजरीवाल ने बताया कि राजधानी के करीब 500 ऑटोरिक्शा वाले जल्द ही पहले किलोमीटर के लिए 25 रुपए चार्ज कर सकेंगे और उसके बाद हर अतिरिक्त किलोमीटर के लिए 10 रुपए।  प्रतीक्षा शुल्क में भी इजाफा कर दिया गया है। अब कहीं भी बीच में रुकने या जाम लगने की स्थिति में एक रुपया प्रति मिनट की दर से यात्री को प्रतीक्षा शुल्क देना होगा। बता दें कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह में ऑटो यूनियन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले थे। उन्होंने यह कहते हुए किराया बढ़ाने की मांग की थी कि वर्ष 2013 से ऑटो किराया नहीं बढ़ा है।

दस फीसद ऑटो चालकों ने इस वृद्धि का विरोध भी किया।  ऑटो रिक्शा का किराया आखिरी बार शीला दीक्षित के शासनकाल में मई 2013 में बढ़ा था।

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