कश्मीर से बर्फ नदारद, दिल्ली में हाड़ कंपा देने वाली ठंड; जानें क्यों बेमानी पर उतर आया है मौसम?

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वैसे तो इन दिनों ‘धरती का स्वर्ग’ कहे जाने वाला कश्मीर बर्फ से ढका होता है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। लद्दाख में भी उतनी ठंड नहीं पड़ी है। जनवरी में पड़ने वाली कड़ाके की ठंड दोनों ही केंद्रशासित प्रदेशों से गायब है। ये सब बहुत चिंताजनक है क्योंकि यह आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में पीने के पानी की उपलब्धता और कृषि को प्रभावित कर सकता है। आपको बता दें कि 21 दिसंबर से 29 जनवरी में बर्फबारी दक्षिण-पश्चिम मानसून शुरू होने से पहले इस क्षेत्र के लिए मीठे पानी का एकमात्र स्रोत है। लंबे समय तक सूखे के दौर ने क्षेत्र की नदियों और नालों में जल स्तर को कम कर दिया है। बीते दिसंबर में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में 80 प्रतिशत वर्षा की कमी दर्ज की गई और जनवरी अब तक लगभग सूखा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ है कि क्योंकि इस बार सर्दियों के मौसम में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ में कमी देखी गयी है।

वहीं सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ न होने के चलते 25 दिसंबर से दिल्ली समेत मैदानी इलाकों में घना कोहरा छाया हुआ है। 29 दिसंबर से अधिकतम तापमान सामान्य से 5-8 डिग्री सेल्सियस नीचे है। वहीं 7-8 जनवरी के बीच पश्चिमी विक्षोभ के चलते कुछ राहत थी। लेकिन 12 से 17 जनवरी तक न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा है।

आम तौर पर, इस मौसम में 5-7 पश्चिमी विक्षोभ इस क्षेत्र को प्रभावित करते हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस क्षेत्र में इस सर्दी में अब तक कोई मजबूत पश्चिमी विक्षोभ नहीं देखा गया है।

सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ क्या होता है?

सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय क्षेत्र से उत्पन्न होता है और उत्तर पश्चिम भारत में बेमौसम बारिश लाता है।

क्यों हो रहा है ऐसा?

वैज्ञानिकों ने कहा कि यह गंभीर मौसम मुख्य रूप से तीन कारणों से है: उत्तर पश्चिम भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी, प्रचलित अल-नीनो स्थिति और एक मजबूत जेट स्ट्रीम।

कोहरा कब छाता है?

कोहरा कमजोर निम्न स्तर की हवाओं, नमी और रातभर रहने वाली ठंड के चलते होता है। तेज हवाएं और वर्षा कोहरे को हटाती हैं।

कब मिल सकती है राहत?

ये हालात अगले पांच दिनों तक जारी रहने की संभावना है।

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