एमसीडी चुनाव में भारी बहुमत से जीत के बाद दिल्ली भाजपा में जितना उत्साह नहीं मना उससे ज्यादा मनमुटाव होने की संभावना दिख रही है। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सूत्रों के मुताबिक विजय गोयल ने 16 तारीख को नवनिर्वाचित पार्षदों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया था। किंतु इस सम्मान समारोह में मनोज तिवारी ने आने से मना कर दिया। दोनों के बीच बढ़ते खींचतान को देखकर केंद्रीय संगठन मंत्री रामलाल ने दिल्ली के संगठन मंत्री को मामला शांत कराने की जिम्मेदारी सौंपी है।
विदित है कि जब किसी चुनाव में कोई पार्टी हारती है तो उसके अंदर आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरू हो जाते हैं। किंतु बहुत कम देखने को मिलता है कि जब कोई पार्टी जीतती है तो उसके अंदर गदर मचने लगा हो। यह गदर अगर पद को लेकर होती तो बात भी वाजिब था किंतु बात पद की भी नहीं है। मनोज तिवारी ने विजय गोयल की शिकायत आला कमान से की है। उनका कहना है कि केंद्र में मंत्री और राजस्थान से राज्यसभा सांसद होने के बावजूद भी विजय गोयल प्रदेश में जीते हुए पार्षदों को सम्मानित कर रहे हैं जबकि इसका औचित्य मुझे समझ में नहीं आता।
बता दें कि गोयल के कार्यक्रम में 184 पार्षदों में से सिर्फ 25-30 पार्षद ही पहुंचे। इस कार्यक्रम में मनोज तिवारी को भी आमंत्रित किया गया था। उनको बताया गया था कि कार्यक्रम नेहरू युवा केंद्र का है इसलिए वो कार्यक्रम में शिरकत करते किंतु जब उन्हें मालूम चला कि कार्यक्रम में विजय गोयल पार्षदों को सम्मानित करेंगे तो उन्होंने आने से इंकार कर दिया।
विजय गोयल पहले भी दिल्ली बीजेपी में हस्तक्षेप करते रहें हैं। लेकिन इस बार विजय गोयल का ये हस्तक्षेप मनोज तिवारी को कुछ ज्यादा ही नागवार गुजरा, उनको भी अपनी महत्ता का डर सताने लगा और उन्होंने गोयल के खिलाफ अपने तेवर कुछ ज्यादा ही तल्ख कर लिए हैं।