स्टिंग ऑपरेशन ‘हुर्रियत’ के बाद हुर्रियत में हलचल मच गयी है। जहां एनआइए ने नईम को हिरासत में लेने की तैयारी कर रखी है , वहीं हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी ने नईम को हुर्रियत से बाहर का रास्ता दिखा दिया है और उसकी प्राथमिक सदस्यता को निलंबित कर दिया है। आपको बता दें कि एक निजी टीवी चैनेल द्वारा किये गए स्टिंग ऑपरेशन में नईम खान को पाकिस्तान के आतंकी संगठनों और एजेंसी से कथित तौर पर पैसे लेने की बात कबूलते दिखाया गया था। वैसे इस मुद्दे पर गिलानी ने एक बयान जारी कर कहा है कि ”हमने नईम खान के मामले पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई थी जिसमें, नईम खान को भी हिस्सा लेना था, लेकिन पुलिस ने बैठक नहीं होने दी। नईम ने मीडिया के जरिए अपना पक्ष रखा है, लेकिन बतौर चेयरमैन यह मेरी जिम्मेदारी है कि इस पूरे मामले की जांच कर सच्चाई लोगों तक पहुंचाई जाए।”
हालांकि नईम का कहना है कि ऑपरेशन हुर्रियत फ़र्ज़ी है और उस वीडियो से छेड़छाड़ की गई है। वहीं गिलानी ने बुरहान वानी और कश्मीर के बिगड़ते हालत पर बयान दिया है जिसमें उसने पाकिस्तान का हाथ होने से मना किया है। गिलानी ने कहा है कि ” 2016 में जो लोग सड़कों पर आए, वह अचानक ही बुरहान की मौत से प्रभावित होकर भारत के खिलाफ खड़े हुए थे। इसमें पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं था। पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का एक प्रमुख पक्ष है। वह हमारी तहरीक का सियासी व नैतिक समर्थक है। हम अपनी तहरीक चलाने के लिए वित्तीय मदद प्रमुख तौर पर स्थानीय स्तर पर ही जुटाते हैं।” उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया कश्मीर की तहरीक को नुकसान पहुंचाने के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है।
फिलहाल अलगाववादी समूह के एक प्रवक्ता के अनुसार हुर्रियत ने अपनी विशेष शक्तियों का (हुर्रियत के संविधान के मुताबिक) का प्रयोग करते हुए नईम को हुर्रियत कांफ्रेंस की प्राथमिक सदस्यता से तब तक के लिए निलंबित कर दिया है जब तक कि सभी संबंधित मुद्दों पर स्पष्टीकरण नहीं आ जाता है।