राफेल डील पर हुए विवाद के बीच रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार रात फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीतारमण अपने फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली के साथ व्यापक वार्ता कर दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग बेहतर बनाने और आपसी हितों के प्रमुख क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगी। उन्होंने कहा कि सीतारमण 58,000 करोड़ रुपए के करार के तहत फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा भारतीय वायुसेना को 36 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में प्रगति का जायजा लेंगी। ऐसे संकेत हैं कि रक्षा मंत्री उस इकाई का भी दौरा कर सकती हैं जहां राफेल विमान बनाए जा रहे हैं।

अपनी वार्ता में सीतारमण और पार्ली दोनों देशों द्वारा सैन्य प्लेटफॉर्मों और हथियारों के संयुक्त उत्पादन पर भी चर्चा कर सकते हैं। इस साल की शुरुआत में फ्रांस 36 राफेल विमानों की एक और खेप भारत को बेचने के लिए भारत से बातचीत शुरू करना चाह रहा था लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं दिखा। अप्रैल में भारतीय वायुसेना ने 114 लड़ाकू विमानों के बेड़े की खरीद प्रक्रिया शुरू की थी और दसॉल्ट एविएशन इस अनुबंध के लिए प्रमुख दावेदारों में से एक के रूप में उभरी है।

राफेल डीलः फ्रांस मीडिया का नया खुलासा, दसॉल्ट ने दी सफाई, कहा- हमने बिना दबाव के रिलायंस को चुना

राफेल सौदे को लेकर सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि फ्रांस में भी हलचल है। राफेल सौदे को लेकर विपक्षी दल मोदी सरकार पर लगातार घोटाले का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस राफेल विमान के दाम और इस सौदे में एचएएल को हटाकर रिलायंस को पार्टनर चुनने पर लगातार सवाल उठा रही है। राफेल सौदे को लेकर फ्रांस की खोजी खबरों की वेबसाइट ‘मीडियापार्ट’ के नये खुलासे के बाद अब दसॉल्ट की ओर से भी बयान आ गया है। दरअसल, ‘मीडियापार्ट’ वेबसाइट ने अपने हाथ लगे दसॉल्ट के एक दस्तावेज के हवाले से दावा किया है कि राफेल सौदे के बदले दसॉल्ट को रिलायंस से डील करने को कहा गया। मगर अब इस मुद्दे पर दसॉल्ट की तरफ से क्या सफ़ाई आई है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से राफेल डील के फैसले की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी मांगी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कोई नोटिस जारी नहीं किया है, बल्कि कहा है कि वह जानकारी से खुद को संतुष्ट करना चाहता है।

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