2019 लोकसभा चुनाव में जीत के दावें करने वाली भाजपा पार्टी इस समय एक के बाद एक मुसीबत में फंसती जा रही है। SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से नाराज दलित समाज ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेतृत्व के खिलाफ दलित सांसदों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। इसी के तहत नगीना से बीजेपी सांसद यशवंत सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखते हुए नाकामयाबी का एहसास दिलाया है।
दलित सांसद यशवंत सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि मैं जाटव समाज से सांसद हूं, इसलिए मेरी किसी भी क्षमता और योग्यता का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। मैं महज आरक्षण की वजह से सांसद बना हूं। सरकार अपने किसी भी वादें पर खरी नहीं उतरी। बैकलॉग पूरा करना, प्रमोशन में आरक्षण बिल पास करना, प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण दिलाना आदि मांगें नहीं पूरी की गई। कहने का मतलब सिर्फ इतना है की पिछले चार वर्षों में सरकार ने देश के 30 करोड़ दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया।
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बता दे सबसे पहले यूपी के बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने आरक्षण के मामले पर खुली धमकी देते हुए कहा था, कि यदि आरक्षण खत्म करने की साजिश बंद नहीं हुई तो युद्ध किया जाएगा। हमें आरक्षण भीख में नहीं मिला है, यह हमारे लिए प्रतिनिधित्व का मामला है। लेकिन अगर किसी ने भी यह संविधान बदलने की कोशिश की या आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचा भी तो खूनी जंग शुरू की जाएगी।
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रवैये के खिलाफ दलित सांसद छोटेलाल खरवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। छोटेलाल का कहना था, कि यूपी प्रशासन उनके घर पर जबरन कब्जा कर रहा है।
इसके अलावा इटावा के बीजेपी सांसद अशोक दोहरे ने भारत बंद को लेकर दलितों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी से शिकायत की थी।