पहले से फैला है Corona… और अब नया Virus भी दे रहा है दस्तक

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हमारे देश में Corona की बीमारी इस समय नियंत्रण में है फिर भी अमेरिका सहित कुछ देशों में कोरोना की तीसरी-चौथी लहर ने कहर बरपा रखा है। जिस चीन से कोरोना वायरस विश्वभर में फैला, उसी चीन में उसका प्रकोप फिर बढ़ रहा है। अब तो चीन से एक और चौंकाने वाली खबर आई है। चीन के बाजारों में पशुजनित बीमारियों के 18 नए Virus पाए गए हैं।

पशु-पक्षियों में पाए जानेवाले नए वायरस इंसानों को भी संक्रमित कर सकते हैं। ऐसा शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया है। चीन के पशु बाजार में ‘सिवेट’ नामक प्राणी में ये नए वायरस पाए गए हैं। चमगादड़ों में पाया जानेवाला ‘एचकेयू-18’ नामक खतरनाक वायरस ‘सिवेट’ में भी पाया गया है। इसलिए कोरोना जैसी बीमारी पशु-पक्षियों के साथ-साथ इंसानों में भी फैलाकर हाहाकार मचा सकती है।

चीन भले ही इनकार करे, कोरोना की उत्पत्ति और प्रसार वुहान से हुआ

चीन चाहे जितना भी इंकार करे लेकिन खुलासा हुआ है कि कोरोना की उत्पत्ति और प्रसार उसके वुहान शहर से ही हुआ है। कोरोना का पहला मरीज वुहान शहर में पाया गया था। वहां के पशु बाजार को कोरोनामुक्त करने का दावा चीन कर रहा है। लेकिन चीन और विश्वासघात, अविश्वास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

इसलिए चीन के दावे पर दुनिया का विश्वास करना कठिन है, क्योंकि साम-दाम-दंड-भेद के सभी रास्ते अपनाकर चीन को विश्व की एकमात्र महासत्ता बनना है। उसकी यह विस्तारवादी महत्वाकांक्षा पहले से जग-जाहिर है। पिछले कुछ वर्षों में इसका रूपांतरण राक्षसी महत्वाकांक्षा में हुआ है।

चीन, अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व का सबसे अमीर देश बन गया है

हाल ही में अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए चीन विश्व का सबसे अमीर देश बन गया है। वर्ष 2020 में चीन की संपत्ति 120 ट्रिलियन डॉलर्स हो गई है। इसकी तुलना में अमेरिका की संपत्ति 90 ट्रिलियन डॉलर्स है। हथियारों और मिसाइलों में चीन की जबरदस्त दिलचस्पी है। बड़ी संख्या में घातक हथियार और मिसाइलें बनाकर विश्व में पहले नंबर का ‘मिसाइलधारी’ देश बनने की चीन की महत्वाकांक्षा है।

समुद्र में कृत्रिम बंदरगाह बनाकर समुद्र पर कब्जा करना हो या पड़ोसी देशों की सीमा पर कृत्रिम गांव बसाकर उस देश के भू-भाग को हड़पना, इस तरह हाथ-पैर फैलाने की चीन की पुरानी आदत है। अर्थात एक तरफ जमीन-समुद्र और अंतरिक्ष में हाथ-पैर फैलाना और दूसरी तरफ नए-नए वायरस का संक्रमण दुनियाभर में फैलाना, क्या ऐसी चीनी ड्रैगन की रणनीति है? चीन की कुल हलचलें और उस देश में नए-नए वायरस मिलने की खबरें आना इस संदेह को बल दे रहे हैं।

चीन पर आरोप है कि कोरोना की उत्पत्ति और प्रसार दुनिया के विरुद्ध जैविक युद्ध छेड़ने जैसा है

कोरोना की उत्पत्ति और प्रसार इसके माध्यम से उस देश ने दुनिया के विरुद्ध जैविक युद्ध छेड़ने का आरोप कई देशों और विशेषज्ञों ने लगाया है, उसमें तथ्य भी है। पिछले दो वर्ष से विश्वभर में छाया कोरोना का संकट खत्म होने को तैयार नहीं है। जब ऐसा लगता है कि उसका असर कम हुआ है तो फिर से कोरोना की नई लहर का धक्का उस देश को लगता है। अब भी अमेरिका सहित यूरोप के कई देशों में चौथी लहर ने हाहाकार मचा रखा है।

ठीक क्रिसमस के मौके पर इस कहर से उन देशों के पर्यटन व्यवसाय और अर्थव्यवस्था को जबरदस्त झटका लगा है। ऑस्ट्रेलिया फिर से संपूर्ण लॉकडाउन लगानेवाला यूरोप का पहला देश बन गया है। जर्मनी जैसे देश भी इस चौथी लहर से लाचार हो गए हैं। वहां का जन-जीवन और अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है।

हिंदुस्तान में फिलहाल कोरोना नियंत्रण की स्थिति में है

हिंदुस्तान में सौभाग्य से कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। तथापि चीन, अमेरिका और यूरोप के देशों में ठीक क्रिसमस मौके पर कोरोना की चौथी लहर ने जबरदस्त झटका दिया है। उसका विचार हमारे देश की जनता को भी करना चाहिए और बेफिक्र न रहकर कोरोना प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए। फिर से कोरोना ही नहीं चीन के पशु-पक्षियों में मिले नए 18 वायरस का संकट विश्व पर मंडरा रहा है।

पहले से फैला कोरोना औऱ अब उस पर यह 18 नए वायरस। ‘चीनी वायरस’ इस शब्द के प्रयोग का चीनी शासक कड़ा विरोध करते रहते हैं लेकिन वहां अनवरत मिलनेवाले नए-नए घातक वायरस क्या इसके प्रमाण नहीं हैं?

नोट: यह लेख शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ से साभार लिया गया है।

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