मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बागियों पर कार्यवाही तेज कर दी है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी को आखिरकार कांग्रेस ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। नामाकंन की अंतिम तारीख तक कांग्रेस ने 17 नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया है। पार्टी के प्रवक्ता और महासचिव रहे सत्यव्रत ने पार्टी के फैसले के खिलाफ बगावत की थी।

बता दें कि छतरपुर जिले की राजनगर सीट से सत्यव्रत चतुर्वेदी के पुत्र नितिन चतुर्वेदी समाजवादी पार्टी (एसपी) के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। बेटे के लिए टिकट मांग रहे सत्यव्रत ने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप भी लगाए थे। उन्होंने साफ कहा था कि वह अपने बेटे के लिए प्रचार करेंगे।

कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। खुद पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उनके इस फैसले पर दुख जताया था। नामांकन की तारीख निकलने के बाद से अब तक कांग्रेस 17 लोगों को पार्टी से निकाल चुकी है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के 8 नेता दूसरे दलों से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि करीब एक दर्जन निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

बता दें सत्यव्रत चतुर्वेदी कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं। वह प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं। इसके साथ ही सत्यव्रत लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। वह 10 साल तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। इसके अलावा वह संसद की कई कमिटी के सदस्य रह चुके हैं। सत्यव्रत की बगावत कांग्रेस के लिए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका साबित हो सकती है। राज्य की 230 विधानसभा सीटों के लिए 28 नवंबर को मतदान होगा।

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