मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सूबे में निवेश के लिये लगातार प्रयासों में जुटे हैं। इसी क्रम में वह अबकी सिंगापुर के दौरे पर हैं। जहां चार दिनों तक सीएम उद्योगपतियों से अलग-अलग जगहों पर मिलेंगे। जिससे पहाड़ में उद्योग लगे और सूबा बीमारु राज्य से विकास के पथ पर चल सके। सीएम राज्य में होने वाले इंवेस्टर मीट के लिए निवेशकों को बुलाने में लगे हैं। इसके तहत सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत राज्य सरकार के कई मंत्रियों औक अधिकारियों के साथ अब तक दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चंडीगढ़, अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में उद्योगपतियों से मुलाकात कर चुके हैं।

सरकार के मुखिया का दावा है कि डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड राज्य के उद्यमियों को भी प्रगति के शानदार अवसर उपलब्ध कराएगा। इसके लिये मुख्यमंत्री ने राज्य में बाहर से आने वाले निवेशकर्ताओं के साथ स्थानीय उद्यमियों के टाई-अप कराने पर जोर दिया।जिससे दोनों को ही फायदा हो। सरकार को उम्मीद है कि, राज्य के युवा उद्यमी भी आगे आएंगे और प्रदेश में इनोवेशन और उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा। एक तरफ जहां प्रदेश सरकार इनवेस्टरों को लुभाने में लगी है। वही कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने इनवेस्टर समिट पर सवाल खड़े किये हैं।

अक्टूबर के पहले हफ्ते में आयोजित होने वाले ‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड इन्वेस्टर्स समिट 2018’ का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। निवेश के लिए 12 मुख्य क्षेत्रों पर फोकस रहेगा। मुख्य कार्यक्रम का आयोजन देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में होना तय है। सीएम ने बीते छह अक्टूबर को इन्वेस्टर्स समिट का लोगो और वेबसाइट लॉन्च किया था। इसके बाद लह दौरे पर हैं।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कह चुके हैं कि डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड अंतरराष्ट्रीय और घरेलू निवेशकों को उत्तराखण्ड में निवेश के लिए शानदार प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा। इसमें दुनियाभर के निवेशक, निर्माता, उत्पादक, नीति निर्माता और औद्योगिक संगठन हिस्सा लेंगे। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश होंगे।जिससे स्थानीय युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा।

यूपी के बाद उत्तराखंड सरकार भी निवेशकों को आकर्षित करने में जुटी है।जिससे सूबे में उद्योग को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार पैदा हों और पलायन को रोका जा सके।उ त्तराखंड में निवेश को आकर्षित करने के लिये बीजेपी की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार जी जान से जुटी है लेकिन यह कितना सफल होगा ये आनेवाला वक्त बताएगा।लेकिन सरकार की सोच और कोशिशें सूबे के विकास के लिये बेहतर तो है ही।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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