चीन की सरकारी मीडिया ने भारत सरकार की आर्थिक नीति की तारीफ करते हुए कहा है कि भारत में बड़ी मात्रा में हो रहे विदेशी निवेश के कारण भारत वैश्विक महाशक्ति बनने के करीब पहुच सकता है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में लिखा कि विदेशी निर्माता बढ़-चढ़कर भारत में निवेश कर रहे हैं और भारत द्वारा किए जा रहे कर सुधारों व प्रयासों (जीएसटी) के कारण निवेशकों को यहां अपना भविष्य सुरक्षित दिख रहा है। हालांकि अखबार ने अपनी सरकार को सलाह दी है कि वह भारत के विकास और तरक्की को देखकर शांत रहे और ऐसी प्रभावी रणनीति तैयार करे कि भारत से मिल रही प्रतिस्पर्धा से निपटा जा सके।

इस लेख में यह भी कहा गया है कि भारत में आज जैसा आर्थिक विकास हो रहा है, वह करीब दो दशक पहले चीन में भी हुआ था। विदेशी निवेश के जिस मॉडल पर चलकर चीन को कामयाबी मिली थी अब भारत भी उसी राह पर आगे बढ़ रहा है। इसीलिए भारत की सफलता भी लगभग सुनिश्चित है।

अखबार ने लिखा है कि भारत पहले पूंजी की कमी से जूझता था, फिर उसने एक ऐसा मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर विकसित किया जिसने विदेश निवेश को आकर्षित किया। जीएसटी सुधारों ने भी विदेशी कंपनियों के इस आकर्षण को और बढ़ाया है और वे भारत में अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त नजर आ रही हैं। जीएसटी के अंतर्गत भारत ने आयात किए जाने वाले विदेशी स्मार्टफोन्स और कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर 10 फीसदी ड्यूटी लगाई है। इसके कारण अंतरराष्ट्रीय फोन निर्माता भारत में प्लांट्स लगाने की योजना पर तेजी से काम कर रहे हैं, जिसमें सैमसंग, ओपो, वीवो, लेनोवो, जिओमी प्रमुख हैं। लेख में लिखा गया है कि न केवल स्मार्टफोन इंडस्ट्री, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय ऑटो इंडस्ट्री की नजरें भी भारत पर टिकी हैं और इतने बड़े स्तर पर हो रहा विदेशी निवेश भारत की आर्थिक क्षमता, उत्पादन रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए भी काफी मददगार साबित होगा।

इस लेख में भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की भी तारीफ की गई है, साथ ही साथ भारत को कुछ सुझाव भी दिए गए हैं। पहला सुझाव यह है कि भारत  विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए और मुफीद माहौल उपलब्ध कराए। साथ ही, भारत को अपने श्रम संसाधन को और बढ़ाने पर भी ध्यान देने की  सलाह दी गई है।

इस लेख में सलाह दी गई है कि चीन को भारत की वृद्धि को देखते हुए शांत रहना चाहिए। भारत से प्रतिस्पर्धा करने और एक नये युग के शुरुआत के लिए सरकार को कहीं अधिक प्रभावी रणनीति पर काम शुरू करना होगा।

गौरतलब है कि यह लेख ऐसे समय में आया है जब डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन में सीमा विवाद को लेकर तनातनी चल रही है। ग्‍लोबल टाइम्‍स इससे पहले भी एक बार चीन को भारत से सीख लेने की सलाह दे चुका है। ऐसा कम ही होता है जब ग्‍लोबल टाइम्‍स किसी मुद्दे पर भारत की सराहना करता है।

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