हवा में गोते लगाने वाली कारों ने जितना आपको रोमांचित किया था उतने ही रोमांचित आप यह खबर सुनकर हो जाएंगे कि भारत में जल्द ही पहली बुलेट ट्रेन समंदर के अंदर भी चलाई जाएंगी। देश में बुलेट ट्रेन का सपना पूरा होने में भले ही अभी वक्त है, पर पानी के नीचे चलने वाली इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट से जुड़ी बातें लोगों को अभी से रोमांचित करने के लिए काफी हैं।
मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली ये बुलेट ट्रेन समुद्र के नीचे से भी गुजरेगी और इसके लिए काम जोरशोर से चल रहा है। मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर के 7 किलोमीटर लंबे समुद्र के नीचे के मार्ग की ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। इसके तहत फिलहाल समुद्र के नीचे की मिट्टी और चट्टानों का परीक्षण किया जा रहा है। उम्मीद है कि इस परियोजना का निर्माण साल के अंत तक शुरु हो जाएगा। ये सात किलोमीटर तक समुद्र के नीचे से होकर गुजरेगी।
पिछले दिनों नीति आयोग ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में जापानी अधिकारियों ने भी शिरकत की। बैठक में परियोजना का काम तेज करने तथा जल्द से जल्द पर्यावरण मंजूरियां लेने की बात तय हुई। इस प्रोजेक्ट को लेकर नीति आयोग की ये चौथी बैठक थी।
अब अगला चरण पर्यावरणीय प्रभावों के अध्ययन यानी ईआईए का है। साल के अंत में जब जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भारत दौरे पर आएंगे, तब इसका भूमि पूजन होने की उम्मीद है। इसके बाद 2018 के अंत तक वास्तविक निर्माण कार्य प्रारंभ होने तथा 2023 के अंत तक ट्रेन सेवाएं प्रारंभ होने की संभावना है। ये परियोजना भारत के दो प्रमुख महानगरों मुंबई और अहमदाबाद को जोड़ेगी। इसपर 350 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौडेंगी। परियोजना पूरी हो जाने के बाद दोनों शहरों के बीच की 508 किलोमीटर की दूरी लगभग दो घंटे में पूरी हो जाएगी। इस परियोजना पर 97,636 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है। समुद्र के अंदर सुरंग बनाने का कारण ठाणे और विरार के बीच हरे-भरे इलाके के पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाना है।