वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 के लिए बजट पेश कर दिया। मोदी सरकार का ये अंतिम पूर्ण बजट है। सरकार ने जहां इस बजट को सरकार और गरीबों के सपने पूरे करने वाला बताया, वहीं विपक्ष ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। लेकिन बड़ी बात ये है कि चुनावी साल से एक वर्ष पहले के इस अहम बजट को आरएसएस से जुड़ी एक संस्था ने इस बजट को खारिज कर दिया है। यही नहीं आरएसएस के सहयोगी संगठन भारतीय मजदूर संघ ने बजट को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए शुक्रवार को देशव्यापी प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि मजदूर संघ ने बजट के खिलाफ 2 फरवरी को देश भर में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इससे पहले भी भारतीय मजदूर संघ स्वदेशी और खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार का विरोध कर चुकी है। भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि सरकार ने इस बजट में मजदूरों के हित में कोई घोषणा नहीं की है जिससे उनका संगठन निराश है। उन्होंने कहा कि इस बजट को वेतन भोगियों के लिए भी अच्छा नहीं कहा जा सकता है। उनका कहना है कि   आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्कर्स के लिए भी सरकार सर्फ मायूसी लेकर आई है।

विपक्षियों और भारतीय मजदूर संघ के साथ-साथ कई और भी दलें हैं जो इस बजट से खुश नहीं हैं। शिवसेना भी इस बजट से ज्यादा खुश नहीं है।  टीडीपी नेता और केंद्र सरकार में राज्य मंत्री वाईएस चौधरी ने कहा, ‘हम आज पेश किए गए केंद्रीय बजट से निराश हैं। ऐसे में मोदी सरकार की मुश्किलें आने वाले चुनाव में बढ़ सकती है।

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