दुनिया की सबसे तेज गति की सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस मिसाइल जल्द ही ध्वनि की गति से सात गुना की रफ्तार से दुश्मन पर कहर बरपाने की क्षमता हासिल कर लेंगी। ब्रह्मोस मिसाइल उन्नत इंजन के साथ 10 साल में हाइपरसोनिक क्षमता से लैस हो जाएगी और मैक-7 को पार कर लेगी।
बता दें कि इस मिसाइल को भारत-रूस ने मिलकर बनाया है।
भारत और रूस की संयुक्त उपक्रम कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी एवं प्रबंध निदेशक सुधीर मिश्रा ने कहा , ‘‘हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली बनाने में अभी से 7-10 साल लगेंगे।’’ अभी इसकी रफ्तार ध्वनि की गति की 2.8 गुना है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइलव इंजन सुधार के साथ कुछ ही समय में मैक-3.5 और तीन साल में मैक-5 गति हासिल कर लेगी। हाइपरसोनिक गति के लिए मौजूदा इंजन को बदलना होगा।
मिश्रा का कहना है कि हमारा मकसद ऐसी मिसाइल विकसित करना है, जो अगली पीढ़ी के हथियार को ढोने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय विज्ञान संस्थान जैसे भारतीय संस्थान उस तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिससे ब्रह्मोस की रफ्तार को ध्वनि की गति से सात गुना ज्यादा बढ़ाया जा सके। रूस के संस्थान भी इस काम में जुटे हुए हैं।
मिश्रा ने कहा, ‘‘यह मिसाइल अभी दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। अमेरिका या किसी भी देश के पास ऐसी मिसाइल प्रणाली नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस के इंजन और लक्ष्य खोजने की प्रणालियां रूस द्वारा विकसित की गई हैं, जबकि भारत ने सॉफ्टवेयर, एयरफ्रेम और फायर कंट्रोल को नियंत्रित करने वाली प्रणालियों को विकसित किया है। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल प्रौद्योगिकी अब अगले 25-30 साल तक प्रासंगिक रह सकेगी। इसमें उच्च शक्ति के लेजर और माइक्रोवेव ऊर्जा वाले शस्त्र लगे होंगे।