बिहार के सत्ता में काबिज महागठबंधन की बड़ी पार्टी आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम ही ले रही है। पहले आयकर विभाग ने लालू के अलग-अलग 22 ठिकानों पर छापा मारा तो अब उनके बेटे बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप मुश्किलों में घेरे में घिर गए हैं।
तेजप्रताप के खिलाफ बुधवार को भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने नोटिस जारी किया है। बीपीसीएल ने यह नोटिस ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के तहत जारी किया है और 15 दिनों में जवाब देने को कहा है। बीपीसीएल ने यह नोटिस पटना के बेउर के पास न्यू बायपास रोड पर तेज प्रताप को आवंटित भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप के लाइसेंस रद्द करने के संबंध में नोटिस भेजा है। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस नोटिस के बाद तेज प्रताप को आवंटित पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
गौरतलब है कि इस मामले में लालू यादव के बेटे तेज प्रताप के खिलाफ बिहार बीजेपी के नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि 2011 में जो पेट्रोल पंप तेज प्रताप को आवंटित किया गया था, उसके दस्तावेज फर्जी थे। सुशील मोदी ने बताया कि इसके लिए एक कंपनी के अधिकारी के साथ साठगांठ करके फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। साथ ही बीजेपी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि पेट्रोल पंप के लिए जब तेज प्रताप इंटरव्यू के लिए पेश हुए थे तब उनके पास न्यू बायपास रोड पर 43 डिसमिल अनिवार्य जमीन नहीं थी।
लालू परिवार पर एक और आरोप ने उनके साथ-साथ बिहार सरकार में उनके साझेदार सुशासन बाबू नीतीश कुमार को भी सवालों के घेरे में डाल दिया है। सुशासन बाबू की साख पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि सबके मन में एक सवाल है कि इतने सारे संगीन भ्रष्टाचार के आरोपों वाली पार्टी के साथ गठबंधन कर बिहार में कुशल सरकार कैसे चल सकती है।