देश में आरक्षण के दौर के बाद अब उपवास का दौर चल रहा है। पहले कांग्रेस ने उपवास किया औऱ अब भाजपा को भी उपवास की सूझी है। शायद इस उपवास के बाद से भविष्य में कभी संसद में गतिरोध न पैदा हो। ये कुछ इसी प्रकार है जैसे पाप होने के बाद लोग गंगा स्नान करने जाते हैं और उसके बाद पाप फिर शुरू हो जाते हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसदों सहित जन प्रतिनिधि संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने में कांग्रेस की भूमिका के विरोध में आज (गुरुवार को) एकदिवसीय उपवास रखेंगे। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह उसी दिन चुनावी राज्य कर्नाटक के हुबली में धरना देंगे।

बता दें कि बुधवार को ही पीएम मोदी ने बीजेपी सांसदों से कहा कि वे लोगों को यह बताएं कि कैसे कुछ लोगों ने बजट सत्र में हंगामा करते हुए लोकतंत्र को किनारे रखते हुए संसद बाधित की। पीएम मोदी ने पार्टी के  सांसदों, विधायकों से आडियो ब्रिज के माध्यम से संवाद के दौरान कहा, ‘‘ संसद को बंधक बना कर जिन्होंने लोकतंत्र का गला घोंटने का अपराध किया और राजनैतिक अहंकार एवं सत्ता की भूख से प्रेरित होकर देश को आगे नहीं बढ़ने दिया और संसद को चलने नहीं दिया. हम उन मुट्ठीभर लोगों की मानसिकता को देश के लोगों के समक्ष उजागर करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि 12 अप्रैल को बीजेपी के सभी जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता देश भर में उपवास करेंगे।

खबरों के मुताबिक, पीएम मोदी अपने दफ्तर में उपवास ऱखेंगे। वहीं दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी अपने संसदीय क्षेत्र की विकास के मामले में दिल्ली सरकार की ओर से उपेक्षा करने के विरोध में अनिश्चितकालीन अनशन प्रारंभ करेंगे। भाजपा के सभी सांसद आज सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक उपवास करेंगे। अब देखना ये होगा कि क्या ये उपवास संसद को भविष्य में चला पाएगा। क्या ये विपक्षियों को सबक सिखा पाएगा।

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