सरकारी नीतियां जनता के लिए होती है जिसमें जनता का हित जुड़ा होता है और कुछ सरकारी नीतियां होती तो जनता के लिए ही है लेकिन हित उसमें सरकार का जुड़ा होता है। कुछ ऐसा ही नजारा नागालैंड चुनाव में देखा जा सकता है। जी हां, नगालैंड में इसी महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी और कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक पार्टियां की ओर से नगालैंड की जनता का दिल जीतने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसी में बीजेपी ने वहां की जनता से एक वादा अभी से कर दिया है। बीजेपी ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी चुनाव में जीत हासिल करती है तो ईसाइयों को मुफ्त में यरूशलम की सैर कराई जाएगी। वहीं ईसाई बहुल राज्य नगालैंड में कांग्रेस ने भी कुछ इस तरह का वादा किया है। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की ओर से ट्रिप में सब्सिडी देने का वादा किया गया है।

हालांकि ये घोषणा देश के सभी ईसाईयों के लिए है या सिर्फ नागालैंड के ईसाईयों के लिए पता नहीं। इस घोषणा के बाद विपक्षी नेताओं ने बीजेपी की आलोचना की है। बता दें कि उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में 18 फरवरी को विधानसभी चुनाव होने हैं। मेघालय में 75 फीसदी और नगालैंड में 88 फीसदी लोग ईसाई हैं। एजेंसियों के मुताबिक, बीजेपी ने वादा किया है कि अगर नगालैंड में उनकी सरकार बनती है तो ईसाईयों को यरुशलम की मुफ्त यात्रा पर भेजा जाएगा।

बता दें कि कुछ समय पहले ही भाजपा ने एलान किया था कि सरकार हज सब्सिडी खत्म करने जा रही है। मोदी सरकार के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि हज सब्सिडी पर खर्च किया जाने वाला पैसा अब मुस्लिम बच्चियों की शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। इसी को लेकर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘बीजेपी ईसाइयों को मुफ्त यात्रा पर भेजने का वादा कर रही है। मैं सही था कि बीजेपी सब्सिडी का इस्तेमाल चुनावी फायदे के लिए करती रहेगी। बीजेपी के हिसाब से ‘इंडिया फर्स्ट’ का यही मतलब है।’

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