लोकसभा चुनाव होने में कुछ महीने बाकी है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने सहयोगी दलों से सीटों को लेकर बातचीत शुरू कर दी है। देखा जाए तो इस कदम में बीजेपी कांग्रेस से दो कदम आगे है। बिहार में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा और जदयू के बीच छिड़ी जुबानी जंग अब लगभग थम गई है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बात बन गई है। अगले लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 16 सीटें मिलेंगी, जो भाजपा से महज एक ही कम है। वहीं रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को पांच जबकि उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को दो सीटें मिलने की बात कही गई है। बता दें कि पिछली बार भाजपा ने 30, लोजपा ने सात और रालोसपा ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें भाजपा ने 22, लोजपा ने छह और रालोसपा ने तीन सीटें जीती थीं।
खबरों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच सितंबर के दूसरे हफ्ते में एक मीटिंग हुई थी, जिसमें इस डील पर मुहर लगी है। इस संबंध में भाजपा की ओर से आधिकारिक घोषणा इस हफ्ते संभव है। हालांकि उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को एक अशांत सहयोगी के रूप में देखा जाता है और अगर यह चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन से निकलने का फैसला करती है तो उसके लिए भी एक आकस्मिक योजना बनाई गई है। अगर ऐसा होता है तो आरएलएसपी को मिलने वाली दोनों सीटों को भाजपा और जदयू के बीच बांट दिया जाएगा।
सीटों के इस बंटवारे पर सभी दल संतुष्ट हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में सीटों को लेकर होड़ जारी है। महागठबंधन बनने के बाद कांग्रेस को सभी दलों को लेकर साथ चलना भी काफी मुश्किल भरा लग रहा है।