अब बिटकॉइन आपके बैंक खाते में एक भी रुपया नहीं जोड़ पाएगा। बिटकॉइन ट्रेडिंग को लेकर अगर भारत में अब कोई निवेश करना चाहेगा तो उसके लिए मुश्किल होगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किसी भी क्रिप्टोकरंसी एजेंसी से अपने संबंधों को खत्म करने के लिए डेडलाइन तय की थी। ये डेडलाइन गुरुवार को खत्म हो गई। आरबीआई ने पांच अप्रैल को सर्कुलर जारी कर सभी बैंकों से इन बिटक्वाइन एक्सचेंजों को सेवाएं बंद करने का आदेश दिया था।
बिटक्वाइन और अन्य वर्चुअल करेंसी के सबसे बड़े डिजिटल एक्सचेंज जेबपे ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि वो रुपये में लेनदेन बंद कर रही है और उसके मोबाइल एप से बिटक्वाइन के बदले भुगतान भी नहीं हो सकेगा। कंपनी ने कुछ दिनों पहले अपने ग्राहकों से पैसा निकाल लेने को कहा था।अब कोई भी भारतीय भारत में किसी भी बिटक्वाइन एक्सचेंज से के क्रिप्टो वैलेट में न तो रुपये जमा करा पाएगा और न ही निकाल पाएगा। हालांकि वो क्वाइन डिपॉजिट करा सकता है, ऐसे में क्रिप्टो टू क्रिप्टो पेयर ट्रेडिंग सेवा भी जारी रहेगी। जेबपे के सह संस्थापक संदीप गोयनका ने ट्वीट कर कहा कि वो आरबीआई के सर्कुलर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।.
आरबीआई के पहले केंद्र सरकार ने बजट में घोषित किया था कि वो संदिग्ध लेनदेन के कारण किसी वर्चुअल करेंसी को प्रचलन में लाने की इजाजत नहीं देगी। वर्चुअल करेंसी के जरिये हवाला कारोबार, कालेधन का प्रवाह और कर चोरी की आशंका जताई जा रही है। वहीं आरबीआई ने खुद अपनी वर्चुअल करेंसी लाने के संकेत भी दिए हैं। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी को लेकर रिजर्व बैंक 2013 से ही निवेशकों को अगाह करता रहा है।
—ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन